शिव नामावलि अष्टक स्तोत्र

हे चन्द्रचूड मदनान्तक शूलपाणे
स्थाणो गिरीश गिरिजेश महेश शम्भो।
भूतेश भीतभयसूदन मामनाथं
संसारदुःख- गहनाज्जगदीश रक्ष।
हे पार्वतीहृदयवल्लभ चन्द्रमौले
भूताधिप प्रमथनाथ गिरीशचाप।
हे वामदेव भव रुद्र पिनाकपाणे
संसारदुःख- गहनाज्जगदीश रक्ष।
हे नीलकण्ठ वृषभध्वज पञ्चवक्त्र
लोकेश शेषवलय प्रमथेश शर्व।
हे धूर्जटे पशुपते गिरिजापते मां
संसारदुःख- गहनाज्जगदीश रक्ष।
हे विश्वनाथ शिव शङ्कर देवदेव
गङ्गाधर प्रमथनायक नन्दिकेश।
बाणेश्वरान्धकरिपो हर लोकनाथ
संसारदुःख- गहनाज्जगदीश रक्ष।
वाराणसीपुरपते मणिकर्णिकेश
वीरेश दक्षमखकाल विभो गणेश।
सर्वज्ञ सर्वहृदयैकनिवास नाथ
संसारदुःख- गहनाज्जगदीश रक्ष।
श्रीमन्महेश्वर कृपामय हे दयालो
हे व्योमकेश शितिकण्ठ गणाधिनाथ।
भस्माङ्गराग नृकपालकलापमाल
संसारदुःख- गहनाज्जगदीश रक्ष।
कैलासशैलविनिवास वृषाकपे हे
मृत्युञ्जय त्रिनयन त्रिजगन्निवास।
नारायणप्रिय मदापह शक्तिनाथ
संसारदुःख- गहनाज्जगदीश रक्ष।
विश्वेश विश्वभवनाशक विश्वरूप
विश्वात्मक त्रिभुवनैकगुणाधिकेश।
हे विश्वनाथ करुणामय दीनबन्धो
संसारदुःख- गहनाज्जगदीश रक्ष।

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

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