नृत्य विजय नटराज स्तोत्र

नमोऽस्तु नटराजाय सर्वसिद्धिप्रदायिने । 
सदाशिवाय शान्ताय नृत्यशास्त्रैकसाक्षिणे ॥

भो नटेश सुरश्रेष्ठ मां पश्य कृपया हर । 
कौशलं मे प्रदेह्याऽऽशु नृत्ये नित्यं जटाधर ॥

सर्वाङ्गसुन्दरं देहि भावनां शुद्धिमुत्तमाम् । 
नृत्येऽहं विजयी जाये त्वदनुग्रहलाभतः ॥

शिवाय ते नमो नित्यं नटराज विभो प्रभो । 
द्रुतं सिद्धिं प्रदेहि त्वं नृत्ये नाट्ये महेश्वर ॥

नमस्करोमि श्रीकण्ठ तव पादारविन्दयोः । 
नृत्यसिद्धिं कुरु स्वामिन् नटराज नमोऽस्तु ते ॥

सुस्तोत्रं नटराजस्य प्रत्यहं यः पठेत् सुधीः‌ । 
नृत्ये विजयमाप्नोति लोकप्रीतिं च विन्दति ॥

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

Other stotras

Copyright © 2025 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |
Vedahdara - Personalize
Whatsapp Group Icon
Have questions on Sanatana Dharma? Ask here...

We use cookies