Special - Narasimha Homa - 22, October

Seek Lord Narasimha's blessings for courage and clarity! Participate in this Homa for spiritual growth and divine guidance.

Click here to participate

ऋणहर गणेश स्तोत्र

116.7K
17.5K

Comments Hindi

Security Code
99565
finger point down
सनातन धर्म के भविष्य के प्रति आपकी प्रतिबद्धता अद्भुत है 👍👍 -प्रियांशु

आप जो अच्छा काम कर रहे हैं उसे जानकर बहुत खुशी हुई -राजेश कुमार अग्रवाल

वेदधारा की वजह से हमारी संस्कृति फल-फूल रही है 🌸 -हंसिका

आपकी वेबसाइट से बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। -दिशा जोशी

वेदधारा की वजह से मेरे जीवन में भारी परिवर्तन और सकारात्मकता आई है। दिल से धन्यवाद! 🙏🏻 -Tanay Bhattacharya

Read more comments

ॐ सिन्दूरवर्णं द्विभुजं गणेशं
लम्बोदरं पद्मदले निविष्टम्।
ब्रह्मादिदेवैः परिसेव्यमानं
सिद्धैर्युतं तं प्रणमामि देवम्।।
सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजितः फलसिद्धये।
सदैव पार्वतीपुत्रो ऋणनाशं करोतु मे।।
त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चितः।
सदैव पार्वतीपुत्रो ऋणनाशं करोतु मे।।
हिरण्यकश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चितः।
सदैव पार्वतीपुत्रो ऋणनाशं करोतु मे।।
महिषस्य वधे देव्या गणनाथः प्रपूजितः।
सदैव पार्वतीपुत्रो ऋणनाशं करोतु मे।।
तारकस्य वधात्पूर्वं कुमारेण प्रपूजितः।
सदैव पार्वतीपुत्रो ऋणनाशं करोतु मे।।
भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छविसिद्धये।
सदैव पार्वतीपुत्रो ऋणनाशं करोतु मे।।
शशिना कान्तिवृद्ध्यर्थं पूजितो गणनायकः।
सदैव पार्वतीपुत्रो ऋणनाशं करोतु मे।।
पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजितः।
सदैव पार्वतीपुत्रो ऋणनाशं करोतु मे।।
इदम् ऋणहरस्तोत्रं तीव्रदारिद्र्यनाशनम्।
एकवारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं समाहितः।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेरसमतां व्रजेत्।।
ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट् ।

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

Other stotras

Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |
Whatsapp Group Icon