गणेशमेकदन्तं च हेरम्बं विघ्ननायकम्।
लम्बोदरं शूर्पकर्णं गजवक्त्रं नमाम्यहम्।
सुदर्शन अष्टक स्तोत्र
प्रतिभटश्रेणिभीषण वरगुणस्तोमभूषण। जनिभयस्थानतारण जगद....
Click here to know more..जगन्नाथ पंचक स्तोत्र
रक्ताम्भोरुहदर्पभञ्जन- महासौन्दर्यनेत्रद्वयं मुक्ताह....
Click here to know more..राम कथा खनी की तरह होती है