एकदंत स्तुति

गणेशमेकदन्तं च हेरम्बं विघ्ननायकम्।
लम्बोदरं शूर्पकर्णं गजवक्त्रं नमाम्यहम्।

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

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