पाशाङ्कुशाभयवरान् दधानं कञ्जहस्तया।
पत्न्याश्लिष्टं रक्ततनुं त्रिनेत्रं गणपं भजे।
राम प्रणाम स्तोत्र
विश्वेशमादित्यसमप्रकाशं पृषत्कचापे करयोर्दधानम्। सदा....
Click here to know more..संकट मोचन हनुमान स्तुति
वीर! त्वमादिथ रविं तमसा त्रिलोकी व्याप्ता भयं तदिह कोऽपि....
Click here to know more..पद्म पुराण
वेन ने कहा - भगवन् ! आपने सब तीर्थोंमें उत्तम ' भार्या-तीर्थ....
Click here to know more..