अभीप्सितार्थसिद्ध्यर्थं पूजितो यः सुरासुरैः।
सर्वविघ्नच्छिदे तस्मै गणाधिपतये नमः।
षडानन अष्टक स्तोत्र
नमोऽस्तु वृन्दारकवृन्दवन्द्य- पादारविन्दाय सुधाकराय । ....
Click here to know more..एकदंत शरणागति स्तोत्र
सदात्मरूपं सकलादि- भूतममायिनं सोऽहमचिन्त्यबोधम्। अनाद....
Click here to know more..क्या शिवजी पूरे हालाहल को पी गये थे?
नहीं । शिवजी ने विष का एक अंश मात्र ही पिया था । जानिए इसके ....
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