वक्रतुंड स्तव

नमस्तुभ्यं गणेशाय ब्रह्मविद्याप्रदायिने।
यस्यागस्त्यायते नाम विघ्नसागरशोषणे।
नमस्ते वक्रतुण्डाय त्रिनेत्रं दधते नमः।
चतुर्भुजाय देवाय पाशाङ्कुशधराय च।
नमस्ते ब्रह्मरूपाय ब्रह्माकारशरीरिणे।
ब्रह्मणे ब्रह्मदात्रे च गणेशाय नमो नमः।
नमस्ते गणनाथाय प्रलयाम्बुविहारिणे।
वटपत्रशयायैव हेरम्बाय नमो नमः।

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

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