विघ्ननाशक स्तोत्र

गणेशाय नमस्तुभ्यं विघ्ननाशाय धीमते।
धनं देहि यशो देहि सर्वसिद्धिं प्रदेहि मे॥

गजवक्त्राय वीराय शूर्पकर्णाय भास्वते।
विघ्नं नाशय मे देव‌ स्थिरां लक्ष्मीं प्रयच्छ मे॥

एकदन्ताय शान्ताय वक्रतुण्डाय श्रीमते।
दन्तिने भालचन्द्राय धनं धान्यं च देहि मे॥

महाकायाय दीर्घाय सूर्यकोटिप्रभाय च।
विघ्नं संहर मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

शक्तिसंपन्नदेवाय भक्तवाञ्छितसिद्धये।
प्रार्थनां शृणु मे देव त्वं मे भव धनप्रदः॥

नमस्ते गणनाथाय सृष्टिस्थितिलयोद्भव।
त्वयि भक्तिं परां देहि बलं लक्ष्मीमपि स्थिराम्॥

गणेशाय नमस्तुभ्यं वक्रतुण्डाय वाग्मिने।
सर्वविघ्नहर श्रेष्ठां संपत्तिं चाऽऽशु यच्छ मे॥

सिद्धिबुद्धिप्रदातारं सर्वमङ्गलकारकम्।
वन्देऽहं सर्वमैश्वर्यं सर्वसौख्यं प्रयच्छ मे॥

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

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