नमोऽस्तु नीरायणमन्दिराय
नमोऽस्तु हारायणकन्धराय।
नमोऽस्तु पारायणचर्चिताय
नमोऽस्तु नारायण तेऽर्चिताय।
नमोऽस्तु मत्स्याय लयाब्धिगाय
नमोऽस्तु कूर्माय पयोब्धिगाय।
नमो वराहाय धराधराय
नमो नृसिंहाय परात्पराय।
नमोऽस्तु शक्राश्रयवामनाय
नमोऽस्तु विप्रोत्सवभार्गवाय।
नमोऽस्तु सीताहितराघवाय।
नमोऽस्तु पार्थस्तुतयादवाय।
नमोऽस्तु बुद्धाय विमोहकाय
नमोऽस्तु ते कल्किपदोदिताय।
नमोऽस्तु पूर्णामितसद्गुणाय
समस्तनाथाय हयाननाय।
करस्थ- शङ्खोल्लसदक्षमाला-
प्रबोधमुद्राभय- पुस्तकाय।
नमोऽस्तु वक्त्रोद्गिरदागमाय
निरस्तहेयाय हयाननाय।
रमासमाकार- चतुष्टयेन
रमाचतुर्दिक्षु निषेविताय।
नमोऽस्तु पार्श्वद्वयकद्विरूप-
श्रियाभिषिक्ताय हयाननाय।
किरीटपट्टाङ्गद- हारकाञ्ची-
सुरत्नपीताम्बर- नूपुराद्यैः।
विराजिताङ्गाय नमोऽस्तु तुभ्यं
सुरैः परीताय हयाननाय।
विशेषकोटीन्दु- निभप्रभाय
विशेषतो मध्वमुनिप्रियाय।
विमुक्तवन्द्याय नमोऽस्तु विश्वग्-
विधूतविघ्नाय हयाननाय।
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