Special - Hanuman Homa - 16, October

Praying to Lord Hanuman grants strength, courage, protection, and spiritual guidance for a fulfilled life.

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श्री हरि स्तोत्र

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सनातन धर्म के भविष्य के लिए वेदधारा के नेक कार्य से जुड़कर खुशी महसूस हो रही है -शशांक सिंह

वेदधारा के माध्यम से हिंदू धर्म के भविष्य को संरक्षित करने के लिए आपका समर्पण वास्तव में सराहनीय है -अभिषेक सोलंकी

यह वेबसाइट बहुत ही शिक्षाप्रद और विशेष है। -विक्रांत वर्मा

वेदधारा का कार्य सराहनीय है, धन्यवाद 🙏 -दिव्यांशी शर्मा

यह वेबसाइट ज्ञान का अद्वितीय स्रोत है। -रोहन चौधरी

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जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं
शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालम्‌।
नभोनीलकायं दुरावारमायं
सुपद्मासहायं भजेऽहं भजेऽहम्।
सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं
जगत्सन्निवासं शतादित्यभासम्।
गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं
हसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहम्।
रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारं
जलान्तर्विहारं धराभारहारम्।
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं
धृतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहम्।
जराजन्महीनं परानन्दपीनं
समाधानलीनं सदैवानवीनम्।
जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुं
त्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहम्।
कृताम्नायगानं खगाधीशयानं
विमुक्तेर्निदानं हरारातिमानम्।
स्वभक्तानुकूलं जगद्वृक्षमूलं
निरस्तार्तशूलं भजेऽहं भजेऽहम्।
समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशं
जगद्बिम्बलेशं हृदाकाशदेशम्।
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहं
सुवैकुण्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहम्।
सुरालीबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठं
गुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठम्।
सदा युद्धधीरं महावीरवीरं
महाम्भोधितीरं भजेऽहं भजेऽहम्।
रमावामभागं तलानग्रनागं
कृताधीनयागं गतारागरागम्।
मुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः सम्परीतं
गुणौघैरतीतं भजेऽहं भजेऽहम्।
इदं यस्तु नित्यं समाधाय चित्तं
पठेदष्टकं कण्ठहारं मुरारे:।
स विष्णोर्विशोकं ध्रुवं याति लोकं
जराजन्मशोकं पुनर्विन्दते नो।

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