Special Homa on Gita Jayanti - 11, December

Pray to Lord Krishna for wisdom, guidance, devotion, peace, and protection by participating in this Homa.

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वेंकटेश भुजंग स्तोत्र

मुखे चारुहासं करे शङ्खचक्रं गले रत्नमालां स्वयं मेघवर्णम्।
तथा दिव्यशस्त्रं प्रियं पीतवस्त्रं धरन्तं मुरारिं भजे वेङ्कटेशम्।
सदाभीतिहस्तं मुदाजानुपाणिं लसन्मेखलं रत्नशोभाप्रकाशम्।
जगत्पादपद्मं महत्पद्मनाभं धरन्तं मुरारिं भजे वेङ्कटेशम्।
अहो निर्मलं नित्यमाकाशरूपं जगत्कारणं सर्ववेदान्तवेद्यम्।
विभुं तापसं सच्चिदानन्दरूपं धरन्तं मुरारिं भजे वेङ्कटेशम्।
श्रिया विष्टितं वामपक्षप्रकाशं सुरैर्वन्दितं ब्रह्मरुद्रस्तुतं तम्।
शिवं शङ्करं स्वस्तिनिर्वाणरूपं धरन्तं मुरारिं भजे वेङ्कटेशम्।
महायोगसाद्ध्यं परिभ्राजमानं चिरं विश्वरूपं सुरेशं महेशम्।
अहो शान्तरूपं सदाध्यानगम्यं धरन्तं मुरारिं भजे वेङ्कटेशम्।
अहो मत्स्यरूपं तथा कूर्मरूपं महाक्रोडरूपं तथा नारसिंहम्।
भजे कुब्जरूपं विभुं जामदग्न्यं धरन्तं मुरारिं भजे वेङ्कटेशम्।
अहो बुद्धरूपं तथा कल्किरूपं प्रभुं शाश्वतं लोकरक्षामहन्तम्।
पृथक्काललब्धात्मलीलावतारं धरन्तं मुरारिं भजे वेङ्कटेशम्।

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

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वेदाधरा से हमें नित्य एक नयी उर्जा मिलती है ,,हमारे तरफ से और हमारी परिवार की तरफ से कोटिश प्रणाम -Vinay singh

सनातन धर्म के भविष्य के प्रति आपकी प्रतिबद्धता अद्भुत है 👍👍 -प्रियांशु

आप जो अच्छा काम कर रहे हैं, उसे देखकर बहुत खुशी हुई 🙏🙏 -उत्सव दास

वेदधारा का प्रभाव परिवर्तनकारी रहा है। मेरे जीवन में सकारात्मकता के लिए दिल से धन्यवाद। 🙏🏻 -Anjana Vardhan

वेदधारा को हिंदू धर्म के भविष्य के प्रयासों में देखकर बहुत खुशी हुई -सुभाष यशपाल

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