शक्तिस्वरूपाय शरोद्भवाय शक्रार्चितायाथ शचीस्तुताय।
शमाय शम्भुप्रणवार्थदाय शकाररूपाय नमो गुहाय।
रणन्मणिप्रोज्ज्वल- मेखलाय रमासनाथप्रणवार्थदाय।
रतीशपूज्याय रविप्रभाय रकाररूपाय नमो गुहाय।
वराय वर्णाश्रमरक्षकाय वरत्रिशूलाभय- मण्डिताय।
वलारिकन्या- सुकृतालयाय वकाररूपाय नमो गुहाय।
नगेन्द्रकन्येश्वर- तत्त्वदाय नगाधिरूढाय नगार्चिताय।
नगासुरघ्नाय नगालयाय नकाररूपाय नमो गुहाय।
भवाय भर्गाय भवात्मजाय भस्मायमानाद्भुत- विग्रहाय।
भक्तेष्टकाम- प्रदकल्पकाय भकाररूपाय नमो गुहाय।
वल्लीवलाराति- सुतार्चिताय वराङ्गरागाञ्चित- विग्रहाय।
वल्लीकराम्भोरुह- मर्दिताय वकाररूपाय नमो गुहाय।
नरसिंह कवच
नृसिंहकवचं वक्ष्ये प्रह्लादेनोदितं पुरा । सर्वरक्षाकर....
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