राधा अष्टोत्तर शत नामावलि

ॐ राधिकायै नमः।
ॐ सुन्दर्यै नमः।
ॐ गौप्यै नमः।
ॐ कृष्णसङ्गमकारिण्यै नमः।
ॐ चञ्चलाक्ष्यै नमः।
ॐ कुरङ्गाक्ष्यै नमः।
ॐ गान्धर्व्यै नमः।
ॐ वृषभानुजायै नमः।
ॐ वीणापाण्यै नमः।
ॐ स्मितमुख्यै नमः।
ॐ रक्तशोकलतालयायै नमः।
ॐ गोवर्धनचर्यै नमः।
ॐ गोप्यै नमः।
ॐ गोपावेषमनोहरायै नमः।
ॐ चन्द्रावलीसपत्न्यै नमः।
ॐ दर्पणास्यायै नमः।
ॐ कलावत्यै नमः।
ॐ कृपावत्यै नमः।
ॐ सुप्रतीकायै नमः।
ॐ तरुण्यै नमः।
ॐ हृदयङ्गमायै नमः।
ॐ कृष्णप्रियायै नमः।
ॐ कृष्णसख्यै नमः।
ॐ विपरीतरतिप्रियायै नमः।
ॐ प्रवीणायै नमः।
ॐ सुरतप्रीतायै नमः।
ॐ चन्द्रास्यायै नमः।
ॐ चारुविग्रहायै नमः।
ॐ केकराक्ष्यै नमः।
ॐ हरेः कान्तायै नमः।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
ॐ सुकेलिन्यै नमः।
ॐ सङ्केतवटसंस्थानायै नमः।
ॐ कमनीयायै नमः।
ॐ कामिन्यै नमः।
ॐ वृषभानुसुतायै नमः।
ॐ राधायै नमः।
ॐ किशोर्यै नमः।
ॐ ललितायै नमः।
ॐ लतायै नमः।
ॐ विद्युद्वल्ल्यै नमः।
ॐ काञ्चनाभायै नमः।
ॐ कुमार्यै नमः।
ॐ मुग्धवेशिन्यै नमः।
ॐ केशिन्यै नमः।
ॐ केशवसख्यै नमः।
ॐ नवनीतैकविक्रयायै नमः।
ॐ षोडशाब्दायै नमः।
ॐ कलापूर्णायै नमः।
ॐ जारिण्यै नमः।
ॐ जारसङ्गिण्यै नमः।
ॐ हर्षिण्यै नमः।
ॐ वर्षिण्यै नमः।
ॐ वीरायै नमः।
ॐ धीरायै नमः।
ॐ धारायै नमः।
ॐ धरायै नमः।
ॐ धृत्यै नमः।
ॐ यौवनावस्थायै नमः।
ॐ वनस्थायै नमः।
ॐ मधुरायै नमः।
ॐ मधुराकृत्यै नमः।
ॐ वृषभानुपुरावासायै नमः।
ॐ मानलीलाविशारदायै नमः।
ॐ दानलीलायै नमः।
ॐ दानदात्र्यै नमः।
ॐ दण्डहस्तायै नमः।
ॐ भ्रुवोन्नतायै नमः।
ॐ सुस्तन्यै नमः।
ॐ मधुरास्यायै नमः।
ॐ बिम्बोष्ठ्यै नमः।
ॐ पञ्चमस्वरायै नमः।
ॐ सङ्गीतकुशलायै नमः।
ॐ सेव्यायै नमः।
ॐ कृष्णवश्यत्वकारिण्यै नमः।
ॐ तारिण्यै नमः।
ॐ हारिण्यै नमः।
ॐ ह्रीलायै नमः।
ॐ शीलायै नमः।
ॐ लीलायै नमः।
ॐ ललामिकायै नमः।
ॐ गोपाल्यै नमः।
ॐ दधिविक्रेत्र्यै नमः।
ॐ प्रौढायै नमः।
ॐ मुग्धायै नमः।
ॐ मध्यकायै नमः।
ॐ स्वाधीनपतिकायै नमः।
ॐ खण्डितायै नमः।
ॐ अभिसारिकायै नमः।
ॐ रसिकायै नमः।
ॐ रसिनायै नमः।
ॐ रस्यायै नमः।
ॐ रसशास्त्रैकशेवध्यै नमः।
ॐ पालिकायै नमः।
ॐ लालिकायै नमः।
ॐ लज्जायै नमः।
ॐ लालसायै नमः।
ॐ ललनामण्यै नमः।
ॐ बहुरूपायै नमः।
ॐ सुरूपायै नमः।
ॐ सुप्रसन्नायै नमः।
ॐ महामत्यै नमः।
ॐ मरालगमनायै नमः।
ॐ मत्तायै नमः।
ॐ मन्त्रिण्यै नमः।
ॐ मन्त्रनायिकायै नमः।
ॐ मन्त्रराजैकसंसेव्यायै नमः।
ॐ मन्त्रराजैकसिद्धिदायै नमः।
ॐ अष्टादशाक्षरफलायै नमः।
ॐ अष्टाक्षरनिषेवितायै नमः।

 

Ramaswamy Sastry and Vighnesh Ghanapaathi

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