Atharva Veda Vijaya Prapti Homa - 11 November

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आञ्जनेय मंगल अष्टक स्तोत्र

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आपकी वेबसाइट जानकारी से भरी हुई और अद्वितीय है। 👍👍 -आर्यन शर्मा

सनातन धर्म के भविष्य के प्रति आपकी प्रतिबद्धता अद्भुत है 👍👍 -प्रियांशु

जय माधव आपकी वेबसाइट शानंदार है सभी लोगो को इससे लाभ होगा। जय श्री माधव -Gyan Prakash Awasthi

वेदधारा के माध्यम से हिंदू धर्म के भविष्य को संरक्षित करने के लिए आपका समर्पण वास्तव में सराहनीय है -अभिषेक सोलंकी

आपकी वेबसाइट बहुत ही अनोखी और ज्ञानवर्धक है। 🌈 -श्वेता वर्मा

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कपिश्रेष्ठाय शूराय सुग्रीवप्रियमन्त्रिणे ।
जानकीशोकनाशाय आञ्जनेयाय मङ्गलम् ।।
मनोवेगाय उग्राय कालनेमिविदारिणे ।
लक्ष्मणप्राणदात्रे च आञ्जनेयाय मङ्गलम् ।।
महाबलाय शान्ताय दुर्दण्डीबन्धमोचन ।
मैरावणविनाशाय आञ्जनेयाय मङ्गलम् ।।
पर्वतायुधहस्ताय रक्षःकुलविनाशिने ।
श्रीरामपादभक्ताय आञ्जनेयाय मङ्गलम् ।।
विरक्ताय सुशीलाय रुद्रमूर्तिस्वरूपिणे ।
ऋषिभिः सेवितायास्तु आञ्जनेयाय मङ्गलम् ।।
दीर्घबालाय कालाय लङ्कापुरविदारिणे ।
लङ्कीणीदर्पनाशाय आञ्जनेयाय मङ्गलम् ।।
नमस्तेऽस्तु ब्रह्मचारिन् नमस्ते वायुनन्दन ।
नमस्ते गानलोलाय आञ्जनेयाय मङ्गलम् ।।
प्रभवाय सुरेशाय शुभदाय शुभात्मने ।
वायुपुत्राय धीराय आञ्जनेयाय मङ्गलम् ।।
आञ्जनेयाष्टकमिदं यः पठेत् सततं नरः ।
सिद्ध्यन्ति सर्वकार्याणि सर्वशत्रुविनाशनम् ।।

 

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