रामचन्द्राय जनकराजजामनोहराय
मामकाभीष्टदाय महितमङ्गलम्
कोसलेशाय मन्दहासदासपोषणाय
वासवादिविनुतसद्वराय मङ्गलम्
चारुकुङ्कुमोपेतचन्दनादिचर्चिताय
हारकटकशोभिताय भूरिमङ्गलम्
ललितरत्नकुण्डलाय तुलसीवनमालिकाय
जलजसदृशदेहाय चारुमङ्गलम्
देवकीसुपुत्राय देवदेवोत्तमाय
भावजगुरुवराय भव्यमङ्गलम्
पुण्डरीकाक्षाय पूर्णचन्द्राननाय
अण्डजातवाहनाय अतुलमङ्गलम्
विमलरूपाय विविधवेदान्तवेद्याय
सुमुखचित्तकामिताय शुभ्रदमङ्गलम्
रामदासाय मृदुलहृदयकमलवासाय
स्वामिभद्रगिरिवराय सर्वमङ्गलम्
नव दुर्गा स्तव
सर्वोत्तुङ्गां सर्वविप्रप्रवन्द्यां शैवां मेनाकन्यका....
Click here to know more..कालभैरव स्तुति
खड्गं कपालं डमरुं त्रिशूलं हस्ताम्बुजे सन्दधतं त्रिणेत....
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अगर कोई कहता है कि मैं ने देखा है तो वह प्रत्यक्ष रूप से प्....
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