कार्तिकेयो महासेनः शिवपुत्रो वरप्रदः ।
श्रीवल्लीदेवसेनेशो गजवक्त्रानुजस्तथा ।।
मयूरवाहनो भक्तमोक्षदः कुक्कुटध्वजः ।
तारकासुरसंहर्त्ता षड्वक्त्रः शक्तिधारकः ।।
द्वादशैतानि नामानि कार्तिकेयस्य यः पठेत् ।
सर्वदा भक्तिमान् रक्षां प्राप्नोत्यपि महाबलम् ।।
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