या ह्यम्बा मधुकैटभप्रमथिनी या माहिषोन्मूलिनी
या धूम्रेक्षणचण्डमुण्डमथिनी या रक्तबीजाशिनी।
शक्तिः शुम्भनिशुम्भदैत्यदलिनी या सिद्धिलक्ष्मीः परा
सा दुर्गा नवकोटिविश्वसहिता मां पातु विश्वेश्वरी।।
सुदर्शन स्तुति
सहस्रादित्यसङ्काशं सहस्रवदनं परम्। सहस्रदोःसहस्रारं ....
Click here to know more..रघुवर जी की आरती
आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की ।....
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