तुला राशि के २० अंश से वृश्चिक राशि के ३ अंश २० कला तक जो नक्षत्र व्याप्त है, उसे विशाखा कहते हैं।
वैदिक खगोल विज्ञान में यह पन्द्रहवां नक्षत्र है।
आधुनिक खगोल विज्ञान के अनुसार विशाखा नक्षत्र का नाम है α Zubenelgenubi, β Zubeneschamali, γ and ι Librae।
विशाखा नक्षत्र में जन्म लेने वालों को इन दिनों महत्वपूर्ण कार्य नहीं करना चाहिए और इन नक्षत्रों में जन्मे लोगों के साथ भागीदारी नहीं करना चाहिए।
विशाखा नक्षत्र में जन्म लेने वालों को इन स्वास्थ्य से संबन्धित समस्याओं की संभावना है-
विशाखा नक्षत्र में जन्म लेने वालों के लिए कुछ अनुकूल व्यवसाय-
विशाखा तुला राशि - हां
विशाखा वृश्चिक राशि - नहीं
पुखराज
विशाखा तुला राशि - पीला, क्रीम, सफेद, हल्का नीला
विशाखा वृश्चिक राशि - पीला, क्रीम, लाल
विशाखा नक्षत्र के लिए अवकहडादि पद्धति के अनुसार नाम का प्रारंभिक अक्षर हैं-
नामकरण संस्कार के समय रखे जाने वाले पारंपरिक नक्षत्र-नाम के लिए इन अक्षरों का उपयोग किया जा सकता है।
शास्त्र के अनुसार नक्षत्र-नाम के अलावा एक व्यावहारिक नाम भी होना चाहिए जो रिकॉर्ड में आधिकारिक नाम रहेगा। उपरोक्त प्रणाली के अनुसार रखे जाने वाला नक्षत्र-नाम केवल परिवार के करीबी सदस्यों को ही पता होना चाहिए।
विशाखा नक्षत्र में जन्म लेने वालों के व्यावहारिक नाम इन अक्षरों से प्रारंभ न करें -
विशाखा नक्षत्र में जन्मी महिलाएं अपने पति से से प्यार करती हैं।
वे धर्मपरायण होती हैं।
पति - पत्नी के अलग - अलग जगहों पर रहने की संभावना है।
विशाखा नक्षत्र में जन्म लेने वालों के लिए चन्द्र, बुध और शुक्र की दशाएं आमतौर पर प्रतिकूल होती हैं। वे
निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं।
ॐ इन्द्राग्निभ्यां नमः
शिव पुराण में माथे, दोनों हाथों, छाती और नाभि पर भस्म लगाने की सलाह दी गई है।
गौ माता की पूजा सारे ३३ करोड देवताओं की पूजा के समान है। गौ पुजा करने से आयु, यश, स्वास्थ्य, धन-संपत्ति, घर, जमीन, प्रतिष्ठा, परलोक में सुख इत्यादियों की प्राप्ति होती है। गौ पूजा संतान प्राप्ति के लिए विशेष फलदायक है।
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