वाराराम्भसमुज्जृम्भरविकोटिसमप्रभा।
पातु मां वरदा देवी शारदा नारदार्चिता।
अपारकाव्यसंसारशृङ्कारालङ्कृताम्बिका।
पातु मां वरदा देवी शारदा नारदार्चिता।
नवपल्लवकामाङ्गकोमला श्यामलाऽमला।
पातु मां वरदा देवी शारदा नारदार्चिता।
अखण्डलोकसन्दोहमोहशोकविनाशिनी।
पातु मां वरदा देवी शारदा नारदार्चिता।
वाणी विशारदा माता मनोबुद्धिनियन्त्रिणी।
पातु मां वरदा देवी शारदा नारदार्चिता।
शारदापञ्चरत्नाख्यं स्तोत्रं नित्यं नु यः पठेत्।
स प्राप्नोति परां विद्यां शारदायाः प्रसादतः।
पंचमुख हनुमान पंचरत्न स्तोत्र
श्रीरामपादसरसी- रुहभृङ्गराज- संसारवार्धि- पतितोद्धरणावतार। दोःसाध्यराज्यधन- योषिददभ्रबुद्धे पञ्चाननेश मम देहि करावलम्बम्। आप्रातरात्रिशकुनाथ- निकेतनालि- सञ्चारकृत्य पटुपादयुगस्य नित्यम्। मानाथसेविजन- सङ्गमनिष्कृतं नः पञ्चाननेश मम देहि करावलम्बम्। षड्वर्गव
Click here to know more..भज गोविन्दम्
भज गोविन्दं भज गोविन्दं गोविन्दं भज मूढमते। संप्राप्ते सन्निहिते काले नहि नहि रक्षति डुकृञ्करणे। मूढ जहीहि धनागमतृष्णां कुरु सद्बुद्धिं मनसि वितृष्णाम्। यल्लभसे निजकर्मोपात्तं वित्तं तेन विनोदय चित्तम्। नारीस्तनभरनाभीदेशं दृष्ट्वा मा गा मोहावेशम्। एतन्मां
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