किं कस्य श्वो भविष्यति

नहि कश्चिद् विजानाति किं कस्य श्वो भविष्यति |
अतः श्वः करणीयानि कुर्यादद्यैव बुद्धिमान् ||

 

कल क्या होगा, यह कोई भी पूर्णतया नहीं जानता| इस लिए कल जिस काम को करना के सोचा हैं उसे बुद्धिमान जन आज ही करें|

 

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