धिगर्थाः कष्टसंश्रयाः

अर्थानामर्जने दुःखमर्जितानां च रक्षणे |
आये दुःखं व्यये दुःखं धिगर्थाः कष्टसंश्रयाः ||

 

धन कमाने के लिए परिश्रम करना पडता है और उस से दुख उत्पन्न होता है | फिर कमाए हुए धन को बचाने के लिए दुःख होता है | जब धन कमाना होता है तब भी दुख ही होता है और जब धन का व्यय हो जाता है तब भी दुख ही होता है | यह धन ही दुख का आधार है |

 

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कौन सा शक्तिपीठ वर्तमान में पाकिस्तान में है?

हिंगलाज माता मंदिर, बलूचिस्तान।

गौओं का स्थान देवताओं के ऊपर क्यों है?

घी, दूध और दही के द्वारा ही यज्ञ किया जा सकता है। गायें अपने दूध-दही से लोगों का पालन पोषण करती हैं। इनके पुत्र खेत में अनाज उत्पन्न करते हैं। भूख और प्यास से पीडित होने पर भी गायें मानवों की भला करती रहती हैं।

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