काव्यशास्त्रविनोदेन

काव्यशास्त्रविनोदेन कालो गच्छति धीमताम् ।
व्यसनेन हि मूर्खानां निद्रया कलहेन वा ।।

 

बुद्धिमान लोगों का काल काव्य पढकर, शास्त्र पढकर या उन के द्वारा विनोदपूर्वक संवाद के साथ यापित होता है । मूर्ख व्यक्तियों का काल नशा, नींद और झगडे आदि से व्यर्थ होता है ।

 

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