Special - Saraswati Homa during Navaratri - 10, October

Pray for academic success by participating in Saraswati Homa on the auspicious occasion of Navaratri.

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अथर्व वेद का देवी देव्यामधि सूक्त

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वेदधारा ने मेरी सोच बदल दी है। 🙏 -दीपज्योति नागपाल

is mantra ko sunne se man ko shanti milti hei -अंकिता सिंह

वेदधारा का प्रभाव परिवर्तनकारी रहा है। मेरे जीवन में सकारात्मकता के लिए दिल से धन्यवाद। 🙏🏻 -Anjana Vardhan

वेदधारा सनातन संस्कृति और सभ्यता की पहचान है जिससे अपनी संस्कृति समझने में मदद मिल रही है सनातन धर्म आगे बढ़ रहा है आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 -राकेश नारायण

फ़ायदा हो रहा है ....धन्यवाद....🙏🙏🙏🙏🙏 -सुनील

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दक्षिण-पूर्व दिशा में शौचालय

दक्षिण-पूर्व दिशा में केवल स्नानघर बना सकते हैं। यहां कमोड न लगाएं।

आज के समय में संतों का क्या महत्व है?

संतों को ज्ञान, मार्गदर्शन और आशा के स्रोत के रूप में देखा जाता है। आज के समय भी संत हमें नैतिकता, करुणा और विश्वास के साथ जीवन जीने का उदाहरण देते हैं। उनकी शिक्षाएं उत्तरोत्तर प्रासंगिक होते जा रहे हैं। वे कठिन समय में भी लचीलापन और विश्वास के साथ जीना सिखाते हैं।

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जीमूतकेतु किसका नाम है ?

देवी देव्यामधि जाता पृथिव्यामस्योषधे । तां त्वा नितत्नि केशेभ्यो दृंहणाय खनामसि ॥१॥ दृंह प्रत्नान् जनयाजातान् जातान् उ वर्षीयसस्कृधि ॥२॥ यस्ते केशोऽवपद्यते समूलो यश्च वृश्चते । इदं तं विश्वभेषज्याभि षिञ्चामि वी....

देवी देव्यामधि जाता पृथिव्यामस्योषधे ।
तां त्वा नितत्नि केशेभ्यो दृंहणाय खनामसि ॥१॥
दृंह प्रत्नान् जनयाजातान् जातान् उ वर्षीयसस्कृधि ॥२॥
यस्ते केशोऽवपद्यते समूलो यश्च वृश्चते ।
इदं तं विश्वभेषज्याभि षिञ्चामि वीरुधा ॥३॥

यां जमदग्निरखनद्दुहित्रे केशवर्धनीम् ।
तां वीतहव्य आभरदसितस्य गृहेभ्यः ॥१॥
अभीशुना मेया आसन् व्यामेनानुमेयाः ।
केशा नडा इव वर्धन्तां शीर्ष्णस्ते असिताः परि ॥२॥
दृंह मूलमाग्रं यच्छ वि मध्यं यामयौषधे ।
केशा नडा इव वर्धन्तां शीर्ष्णस्ते असिताः परि ॥३॥

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