संपूर्णकुम्भो न करोति शब्दम्

संपूर्णकुम्भो न करोति शब्दमर्धो घटो घोषमुपैति नूनम् ।
विद्वान् कुलीनो न करोति गर्वं गुणैर्विहीना बहु जल्पयन्ति ।।

 

जल से पूरी तरह भरा हुआ घट, शब्द नहीं करता | जो घट आधा भरा हुआ होता है वह बहुत आवाज करता है | इसी प्रकार जो विद्वान् संपूर्णतया तत्त्व को जानता है वह कभी अपने ज्ञान पर अहंकार नहीं करता | जो आधा-अधूरा जानते हुए अपने आप को सब कुछ जानने वाला समझता है वह ही अहंकारी व्यक्ति होता है |

 

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