अज्ञः सुखमाराध्यः

अज्ञः सुखमाराध्यः सुखतरमाराध्यते विशेषज्ञः|

ज्ञानलवदुर्विदग्धं ब्रह्मापि तं नरं न रञ्जयति|
 
जो अज्ञानी व्यक्ति होता है, उस को समझाना आसान होता है| जो ज्ञानी व्यक्ति होता है, उस को समझाना बहुत आसान होता है| पर जो आधा-अधूरा जानते हुए भी अपने आप को बहुत बडा पंडित समझता है, उस को भगवान ब्रह्मा भी कोई बात समझा नहीं सकते|
 
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