विद्वान् सर्वत्र पूज्यते

स्वगेहे पूज्यते गेही स्वग्रामे पूज्यते प्रभुः|
स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान् सर्वत्र पूज्यते|

 

घर संभालने वालों की अपने घर मे पूजा होती है| गांव के अधिपति की अपने गांव में ही पूजा होती है| एक राजा की अपने ही देश में पूजा होती है| पर एक विद्वान की तो दुनियां के हर कोने कोने में पूजा होती है| इन सभी पदों में विद्वान - यह पद ही सर्वश्रेष्ठ है|

 

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