यदि सन्ति गुणाः पुंसाम्

यदि सन्ति गुणाः पुंसां विकसन्त्येव ते स्वयम् |
नहि कस्तूरिकामोदः शपथेन विभाव्यते ||

 

यदि किसी मनुष्य में अच्छा गुण है तो वह अपने आप ही फैल जाता है | उस को हमें प्रचार करने की आवश्यकता नहीं हैं | कस्तूरी के सुगंध को तो सब जानते हैं | उस को सिद्ध और उस का प्रचार नहीं करना पडता | उसी प्रकार अच्छे गुण वाले मनुष्य स्वयं ही सिद्ध और प्रकाशित हो जाएंगे |

 

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6byst
❤️❤️ -यदि सन्ति गुणाः पुंसाम्

🙏 -User_scrfd9

सही बात! -पवन कुमार

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क्या हनुमान जी और बालाजी एक ही हैं?

हनुमान जी बालाजी के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा तिरुपति वेंकटेश्वर स्वामी भी बालाजी नाम से जाने जाते हैं।

What is Utsadana practiced in the context of the 64 Arts?

Utsadana involves healing or cleansing a person with perfumes.

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