यत्पूर्वं विधिना ललाटलिखितम्

पत्रं नैव यदा करीरविटपे दोषो वसन्तस्य किं
नोलूकोप्यवलोकते यदि दिवा सूर्यस्य किं दूषणम् |
धारा नैव पतन्ति चातकमुखे मेघस्य किं दूषणं
यत्पूर्वं विधिना ललाटलिखितं तन्मार्जितुं कः क्षमः ||

 

बांस में पत्ता नही उगता तो इस में वसंत ऋतु का क्या दोष? उल्लू दिन में देख नहीं सकता तो इस में सूरज का क्या दोष? चातक पक्षी के मुह में पानी नहीं गिरती तो इस में मेघ का क्या दोष? विधि ने जो पहले माथे पर लिख दिया है तो उसे कौन मिटा पाएगा? इसलिए जो मिला है उसी में खुश रहना सीखें |

 

66.8K

Comments

dr78u

उर्वशी किसकी पत्नी थी?

उर्वशी स्वर्गलोक से ब्रह्मा द्वारा श्रापित होकर धरती पर आयी और पुरूरवा की पत्नी बन गयी थी।उन्होंने छः पुत्रों को जन्म दिया।

गौ सूक्त

आ गावो अग्मन्नुत भद्रमक्रन्सीदन्तु गोष्ठे रणयन्त्वस्मे। प्रजावतीः पुरुरूपा इह स्युरिन्द्राय पूर्वीरुषसो दुहानाः। इन्द्रो यज्वने पृणते च शिक्षत्युपेद्ददाति न स्वं मुषायति। भूयोभूयो रयिमिदस्य वर्धयन्नभिन्ने खिल्ये नि दधाति देवयुम्। न ता नशन्ति न दभाति तस्करो नासामामित्रो व्यथिरा दधर्षति। देवाँश्च याभिर्यजते ददाति च ज्योगित्ताभिः सचते गोपतिः सह। न ता अर्वा रेणुककाटो अश्नुते न संस्कृतत्रमुप यन्ति ता अभि। उरुगायमभयं तस्य ता अनु गावो मर्तस्य वि चरन्ति यज्वनः। गावो भगो गाव इन्द्रो मे अच्छान्गावः सोमस्य प्रथमस्य भक्षः। इमा या गावः स जनास इन्द्र इच्छामीद्धृदा मनसा चिदिन्द्रम्। यूयं गावो मेदयथा कृशं चिदश्रीरं चित्कृणुथा सुप्रतीकम्। भद्रं गृहं कृणुथ भद्रवाचो बृहद्वो वय उच्यते सभासु। प्रजावतीः सूयवसं रिशन्तीः शुद्धा अपः सुप्रपाणे पिबन्तीः। मा व स्तेन ईशत माघशंसः परि वो हेती रुद्रस्य वृज्याः। उपेदमुपपर्चनमासु गोषूप पृच्यताम्। उप ऋषभस्य रेतस्युपेन्द्र तव वीर्ये। ऋग्वेद.६.२८

Quiz

देवी मातेश्वरी अहिल्याबाई होल्कर जिनकी गाय के प्रति न्याय की कहानी प्रसिद्ध है, किस शहर से जुडी हुई है ?
Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |