स्वभावं न जहात्येव साधुः

स्वभावं न जहात्येव साधुरापद्गतोऽपि सन् |
कर्पूरः पावकस्पृष्टः सौरभं लभतेतराम् ||

 

आपदाओं के आने पर भी साधुजन अच्छे कार्यों को करने के अपने गुण को त्यागते नहीं हैं | जिस प्रकार आग पकडने पर कपूर और भी तेजी से महकाता है, वैसे ही साधु जन आपदाओं के प्राप्त होने पर और अच्छे कर्म कर के उस आपदा से बाहर आते हैं |

 

25.5K
1.0K

Comments

wqf7m

शिव से पहले कौन था?

शिव पुराण के अनुसार शिव से पहले कोई नहीं था। शिव ही परब्रह्म हैं जिनसे जगत की उत्पत्ति हुई।

क्या गाय का दूध पीना पाप है?

नहीं। क्यों कि गाय अपने बछडे को जितना चाहिए उससे कई गुना दूध उत्पन्न करती है। गाये के दूध के तीन हिस्से होते हैं - वत्सभाग, देवभाग और मनुष्यभाग। वत्सभाग अपने बछडे के लिए, देवभाग पूजादियों में उपयोग के लिए और मनुष्यभाग मानवों के उपयोग के लिए।

Quiz

अभंग इन में से किसके भजन गीत हैं ?
Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |