अंगारकी चतुर्थी

अंगारकी चतुर्थी

 

कृष्ण पक्ष चतुर्थी अगर मंगलवार को पड़ती है, तो यह अंगारकी चतुर्थी बन जाती है।

चतुर्थी तिथि भगवान गणेश से जुड़ी है। प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। मंगलवार भी भगवान गणेश की पूजा के लिए महत्वपूर्ण है, और यह अंगारक ( मंगल ग्रह) का दिन है। जब संकष्टी मंगलवार को पड़ती है, तो इसका विशेष महत्व होता है। तब इसे अंगारकी चतुर्थी कहते हैं।

अंगारकी चतुर्थी की कथा

एक बार, महर्षि भरद्वाज एक अप्सरा से मोहित हो गये। वे काम से पीडित हो गये, और उनका वीर्य ज़मीन पर गिर गया। यह धरती के एक दरार में पकड़ा गया और एक बालक में परिणत हो गया। यही है अंगारक । उसका रंग लाल था। भूमि के पुत्र के रूप में, उसे भौम या कुज भी कहा जाता है।

अंगारक ७ साल का हो गया। उसे अपने पिता के बारे में जानना था। भूमि देवी ने उसे महर्षि भरद्वाज के पास भेजा। महर्षि ने उसे वेदों और शास्त्रों की शिक्षा दी।

अपने पिता की आज्ञा पर, अंगारक ने नर्मदा नदी के किनारे भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की। उसने वहां हजार वर्षों तक भोजन और पानी के बिना रहकर गणेश मंत्र का जाप किया।

अंत में, माघ मास की संकष्टी पर, भगवान गणेश ने उसे दर्शन दिया। अंगारक ने गणेश जी से ३ वरदान मांगे:

  1. मैं एक देव बनना चाहता हूं।
  2. मुझे तीनों लोकों में एक शुभ ग्रह के रूप में  प्रसिद्धि मिलें ।
  3. जिस दिन आपने मुझे दर्शन दिया है (संकष्टी + मंगलवार), वह दिन इतनी शक्तिशाली होना चाहिए कि जो भी इस दिन उपवास करता है और आपकी पूजा करता है, उसे सभी इच्छाओं की पूर्ति हो।

भगवान ने उसे वरदान दिए और साथ ही घोषणा की कि अब से अंगारक मंगल (ग्रह) नाम से भी जाना जाएगा।

अंगारकी चतुर्थी व्रत से लाभ:

  • भगवान गणेश की कृपा: अंगारकी चतुर्थी का पालन भगवान गणेश की कृपा को प्राप्त करने के लिए करते हैं, जो बाधाओं का निवारण करते हैं और ज्ञान और समृद्धि के देवता हैं।
  • बाधाओं का निवारण: अंगारकी चतुर्थी का पालन जीवन में बाधाओं और चुनौतियों को पार करने में मदद करता है, चाहे वो आध्यात्मिक हों या भौतिक।
  • सफलता और समृद्धि: यह व्यवसाय, शिक्षा और संबंधों में सफलता, समृद्धि और शुभता लाता है।
  • इच्छाओं की पूर्ति: अंगारकी चतुर्थी पर व्रत रखने से इच्छाओं और अभिलाषाओं की पूर्ति होती है।
  • आध्यात्मिक विकास: अंगारकी चतुर्थी का पालन करने से आध्यात्मिक विकास  होता है और गणेश जी से गहरा संबंध बन जाता है।
  • संरक्षण: माना जाता है कि अंगारकी चतुर्थी का पालन नकारात्मक प्रभावों से संरक्षण प्रदान करता है।
  • स्वास्थ्य और कल्याण: अंगारकी चतुर्थी का पालन शारीरिक और मानसिक कल्याण लाने में मदद करता है, स्वास्थ्य और ऊर्जा को बढ़ावा देता है।
Add to Favorites

Other languages: English

Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |