विद्या ददाति विनयम्

विद्या ददाति विनयं विनयाद्याति पात्रताम् |
पात्रत्वाद्धनमाप्नोति धनाद्धर्मस्ततः सुखम् ||

 

पढाई विनम्रता प्रदान करती है | विनम्रता के साथ मनुष्य योग्य बनता है | योग्य बनकर मनुष्य धन कमाता है और उस धन से धर्म का काम करता है | उस धर्म से वह सुख को पाता है |

 

Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |