Special - Hanuman Homa - 16, October

Praying to Lord Hanuman grants strength, courage, protection, and spiritual guidance for a fulfilled life.

Click here to participate

सम्मान पाने के लिए शुक्र मंत्र

102.5K
15.4K

Comments

Security Code
61008
finger point down
वेदधारा का प्रभाव परिवर्तनकारी रहा है। मेरे जीवन में सकारात्मकता के लिए दिल से धन्यवाद। 🙏🏻 -Anjana Vardhan

वेदधारा की धर्मार्थ गतिविधियों में शामिल होने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं - समीर

जब भी मैं इस मंत्र को सुनता हूं तो मुझे अच्छा महसूस होता है 🙏🙏🙏🙏 -श्रुति गुप्ता

आपकी वेबसाइट बहुत ही अद्भुत और जानकारीपूर्ण है।✨ -अनुष्का शर्मा

वेदधारा समाज के लिए एक महान सेवा है -शिवांग दत्ता

Read more comments

Knowledge Bank

देवकार्य से पूर्व पितरों को तृप्त करें

देवकार्यादपि सदा पितृकार्यं विशिष्यते । देवताभ्यो हि पूर्वं पितॄणामाप्यायनं वरम्॥ (हेमाद्रिमें वायु तथा ब्रह्मवैवर्तका वचन) - देवकार्य की अपेक्षा पितृकार्य की विशेषता मानी गयी है। अतः देवकार्य से पूर्व पितरों को तृप्त करना चाहिये।

शिव जी पर फूल चढाने का फल​

शास्त्रों ने शिव जी पर कुछ फूलों के चढ़ाने से मिलनेवाले फल का तारतम्य बतलाया है, जैसे दस सुवर्ण-मापके बराबर सुवर्ण-दानका फल एक आक के फूल को चढ़ाने से मिल जाता है। हजार आकके फूलों की अपेक्षा एक कनेर का फूल, हजार कनेर के फूलों के चढ़ाने की अपेक्षा एक बिल्वपत्र से फल मिल जाता है और हजार बिल्वपत्रों की अपेक्षा एक गूमाफूल (द्रोण-पुष्प) होता है। इस तरह हजार गूमा से बढ़कर एक चिचिडा, हजार चिचिडों- (अपामार्गों ) से बढ़कर एक कुश फूल, हजार कुश- पुष्पों से बढ़कर एक शमी का पत्ता, हजार शमी के पत्तों से बढ़कर एक नीलकमल, हजार नीलकमलों से बढ़कर एक धतूरा, हजार धतूरों से बढ़कर एक शमी का फूल होता है। अन्त में बतलाया है कि समस्त फूलोंकी जातियोंमें सब से बढ़कर नीलकमल होता है ।

Quiz

महालय श्राद्ध किसको कहते हैं ?

ॐ भार्गवाय विद्महे दानवार्चिताय धीमहि। तन्नः शुक्रः प्रचोदयात्।....

ॐ भार्गवाय विद्महे दानवार्चिताय धीमहि।
तन्नः शुक्रः प्रचोदयात्।

Mantras

Mantras

मंत्र

Click on any topic to open

Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |
Whatsapp Group Icon