द्वारका

Dwakadhish temple

 

द्वारका कहाँ स्थित है?

द्वारका  गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले में स्थित है।

वे चार धाम कौन से हैं जिनमें द्वारका एक है?

बद्रीनाथ, पुरी, रामेश्वरम् , द्वारका।

सप्तपुरी कौन सी हैं?

अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, काशी, कांचीपुरम, उज्जैन और द्वारका। इन पवित्र स्थानों की तीर्थयात्रा मोक्ष प्रदान करती है।

द्वारका का प्राचीन नाम

कुशस्थली।

द्वारका का क्या अर्थ

मोक्ष का द्वार।

मूल रूप से द्वारका शहर का निर्माण किसने करवाया था ?

द्वारका को मूल रूप से वैवस्वत मनु के वंशज राजा रेवत द्वारा बनाया गया था। 

इसे राक्षसों ने नष्ट कर दिया। 

यह काफी देर तक पानी में डूबी और दलदली रही। 

कृष्ण ने द्वारका का पुनर्निर्माण किया।

द्वारका के निर्माण के लिए कृष्ण को जमीन कैसे मिली?

मथुरा में रहते हुए कृष्ण ने समुद्र देवता को बुलाया और कहा - मैं एक नगरी बनाना चाहता हूं। 

मुझे सौ योजन भूमि दो। 

मैं इसे लौटा दूंगा।

कृष्ण द्वारका क्यों गए?

कंस के ससुर थे जरासंध। 

कृष्ण द्वारा कंस के वध के बाद जरासंध ने मथुरा पर १७ बार आक्रमण किया। 

जब उसने फिर से हमला किया तो कृष्ण और बलराम ने द्वारका जाने का फैसला किया। 

यह जरासंध के साथ सतत संघर्ष न हो इसके लिए था।

भगवान ने द्वारका की ओर अपने प्रवास की भविष्यवाणी की थी

ऋषि नारद ने श्वेतद्वीप में श्रीमन्नारायण का दर्शन किया। 

भगवान ने उनसे कहा- द्वापरयुग के अंत में मैं मथुरा में अवतार लूंगा। 

मैं कंस और कई अन्य असुरों को नष्ट कर दूंगा। 

उसके बाद मैं द्वारका को अपना निवास स्थान बनाऊंगा। 

नरकासुर, मुर और पीठ को वहीं मारूंगा। 

प्रागज्योतिषपुर के राजा को जीतकर उसकी सारी संपत्ति को द्वारका ले आऊंगा। 

अपने अवतारोद्देश्य को प्राप्त करके मैं द्वारका के सभी यादवों को नष्ट कर दूंगा और वैकुण्ठ लौट जाऊंगा।

कृष्ण के लिए द्वारका का निर्माण किसने किया?

विश्वकर्मा। 

यक्ष, कूष्माण्ड, दानव और ब्रह्मराक्षसों ने उनकी सहायता की। 

कुबेर, शिव और पार्वती ने अपने-अपने गण भेजे थे। 

गरुड़ पूरे समय विश्वकर्मा के साथ थे। 

द्वारका रातोंरात बनाया गया था। 

द्वारका का वर्णन

तीनों लोकों में द्वारका जैसे महान बहुत ही कम नगर थे। 

यह वैकुण्ठ के समान श्रेष्ठ, सुंदर और भक्तों द्वारा सबसे अधिक वांछित था। 

इसका विस्तार सौ योजन था। 

द्वारका का निर्माण हिमालय से लाए गए अनमोल रत्नों से किया गया था। 

निर्माण में लकड़ी का प्रयोग नहीं किया गया था। 

कृष्ण की प्रत्येक पत्नी का बीस कमरों वाला अपना महल था। 

राजा उग्रसेन और कृष्ण के पिता के लिए विशाल महल बनाए गए थे। 

सभी यादवों के लिए घर और उनके सेवकों के लिए रहने के स्थान थे। 

जगह-जगह शुभ पौधे रोपे गए। 

द्वारका हर दृष्टि से इंद्र की अमरावती के समान थी।

द्वारका को धन किसने प्रदान किया?

शंख कुबेर के खजाने के रखवालों में से एक थे। 

कृष्ण ने उसे द्वारका को समृद्ध बनाने के लिए कहा। 

शंख ने यादवों के घरों को धन से भर दिया।

द्वारका के शाही दरबार का क्या नाम था?

सुधर्मा।

 इसे वायुदेव ने देवलोक से लाया था।

द्वारका का राजा कौन था ?

उग्रसेन।

द्वारका के पुरोहित कौन थे ?

काशी के मुनि सान्दीपनी।

बेट द्वारका

बेट द्वारका गुजरात के तट पर द्वारका के पास एक छोटा सा द्वीप है। 

माना जाता है कि यहां कृष्ण रहते थे।

बेट द्वारका का दूसरा नाम है शंखोद्धार।

मथुरा और द्वारका की संस्कृति समान क्यों है?

द्वारका के यादव मथुरा से वहां आ बसे थे।

अर्जुन और दुर्योधन दोनों युद्ध के लिए मदद मांगने कृष्ण के पास पहुंचे। उस समय कृष्ण कहाँ थे?

द्वारका।

द्वारका पर शिशुपाल का आक्रमण

शिशुपाल ने एक बार द्वारका पर हमला किया था जब कृष्ण प्रागज्योतिषपुर गये हुए थे। 

रैवतक पर्वत पर उसने उग्रसेन पर हमला किया और उनके कई सेवकों को मार डाला। 

बाकी लोगों को उसने बंदी बनाया। 

वसुदेव के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े का शिशुपाल ने अपहरण किया। 

उसने बभ्रू की पत्नी और भद्रा का  भी अपहरण किया।

जिस समय कौरव सभा में द्रौपदी का अपमान हो रहा था, उस समय कृष्ण कहाँ थे?

द्वारका।

कृष्ण के राज्य का क्या नाम था जिसकी राजधानी द्वारका थी?

आनर्त।

द्वारका पर शाल्व का आक्रमण

राजा शाल्व शिशुपाल का मित्र था।

कृष्ण द्वारा शिशुपाल के मारे जाने के बाद, शाल्व कृष्ण की तलाश में आया। 

उस समय कृष्ण हस्तिनापुर में थे। 

यादव युवकों ने उससे लड़ाई की। 

उसने उनमें से कई को मार डाला। 

द्वारका की रक्षा

द्वारका में सभी दिशाओं में प्रहरीदुर्ग थे। 

पूरी नगरी में सैनिक तैनात थे। 

द्वारका में सैनिकों ने खाइयाँ और सुरंगें बनाईं। 

वे वहां से लडने में समर्थ थे। 

जमीन में जहरीली किले और शिकंजे गाडकर दुश्मन की स्वतंत्र गति को रोका गया था। 

प्रक्षेपास्त्र जैसे हथियारों को मार गिराने का प्रावधान किया गया था। 

भोजन और हथियार दोनों ही पर्याप्त आपूर्ति में थे। 

गद, सांब और उद्धव जैसे योद्धाओं ने द्वारका की सेना का नेतृत्व किया। 

जब भी खतरा महसूस होता था, द्वारका में शराब पर प्रतिबंध लगाया जाता था।

अश्वत्थामा की द्वारका यात्रा

अश्वत्थामा द्वारका में कृष्ण के पास आया। 

वह अपने ब्रह्मशिर अस्त्र को कृष्ण के सुदर्शन चक्र के साथ बदलना चाहता था। 

कृष्ण ने कहा- ले लो, बदले में तुम्हें मुझे कुछ देने की जरूरत नहीं है। 

अश्वत्थामा बहुत कॊशिश के बाद भी उसे कृष्ण के हाथ से नहीं उठा सका। 

कृष्ण ने उसे पूछा- यदि  सुदर्शन चक्र मिल जाता तो किसके ऊपर  प्रयोग करते? 

अश्वत्थामा ने कहा- सबसे पहले आपके ऊपर ही।

द्वारका का विनाश कब हुआ था?

कुरुक्षेत्र की लड़ाई के छत्तीस साल बाद।

द्वारका के यादवों में कौन से वंश शामिल थे?

भोज, वृष्णि, अन्धक और कुकुर।

द्वारका का विनाश क्यों हुआ?

द्वारका दो शापों के कारण नष्ट हो गया था- 

१. गांधारी का।

२. ऋषि विश्वामित्र, कण्व और नारद का।

ऋषियों ने यादवों को क्यों शाप दिया?

ऋषि विश्वामित्र, कण्व और नारद एक बार द्वारका गए थे। 

यादवों ने उनके साथ मजाक किया। 

कृष्ण के पुत्र सांब को एक महिला के रूप में तैयार करके, वे उसे ऋषियों के पास ले आए और बोले- यह बभ्रू की गर्भवती पत्नी है। 

उसे एक बेटा चाहिए। 

क्या आप हमें बता पाएंगे कि उसके गर्भ में क्या है, बेटा या बेटी? 

ऋषियों ने क्रोधित होकर शाप दे दिया। 

कृष्ण के इस पुत्र से लोहे के मूसल का जन्म होगा। 

वह मूसल कृष्ण और बलराम को छोड़कर सभी को मार डालेगा। 

जर नामक शिकारी के बाण से कृष्ण की मृत्यु होगी और बलराम अपने शरीर को छोड़कर समुद्र में प्रवेश करेंगे। 

गांधारी कृष्ण को शाप देती है

कुरुक्षेत्र का युद्ध समाप्त हो गया। 

गांधारी ने कृष्ण से कहा- आपकी उपेक्षा के कारण कुरु वंश नष्ट हो गया। 

आपने जानबूझकर ऐसा किया। 

आपकी उपेक्षा के कारण पांडव और कौरव आपस में लड़ पड़े। 

अब से छत्तीस साल बाद, आप अपने वंश के विनाश के लिए जिम्मेदार होंगे। 

आपके रिश्तेदार और मित्र एक दूसरे को मार डालेंगे। 

एक अनाथ की तरह, आप एक अपवित्र मौत मरने के लिए पीछे रह जाएंगे।

यादवों के विनाश को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए?

ऋषियों के शाप के दूसरे दिन सांब से शरीर से एक लोहे का मूसल निकला। 

यादव इसे राजा उग्रसेन के पास ले गए। उन्होंने आदेश दिया कि उसे पीसकर समुद्र में फेंक दिया जाए। यादवों को जागरूक रहने के लिए कहा गया। राजा ने द्वारका में पूर्ण शराबबंदी का आदेश दिया। 

कृष्ण सभी वयस्क यादव पुरुषों को तीर्थयात्रा के लिए सोमनाथ ले गए। 

द्वारका के विनाश से पहले, वहां क्या अशुभ निमित्त देखे गए थे?

यादवों ने यमराज को अपने घरों में झाँकते हुए देखा। चारों तरफ चूहे दिखाई देने लगे। 

जब लोग सोते थे तो चूहे उनके नाखून और बाल काटते थे। हर तरफ कबूतर उड़ रहे थे। 

मैना दिन-रात चहकते थे। 

बकरे गीदड़ों की तरह रोने लगे। गायों ने गधों को जन्म दिया। 

कुत्तों ने बिल्लियों को जन्म दिया। 

बुजुर्गों, देवताओं और पूर्वजों का खुलेआम निन्दा हुई। 

पति-पत्नी ने एक-दूसरे को धोखा दिया। 

आग की लपटें हमेशा बाईं ओर मुड़ती थीं। 

ताजे भोजन में अचानक कीड़े दिखाई देने लगे। आकाश में ग्रह और तारे टकराते दिखाई दिए। 

नक्षत्र गायब हो गए। जब कृष्ण ने पाञ्चजन्य फूंका तो गदहे हर जगह रो पड़े। 

द्वारका के यादवों ने एक दूसरे को कहाँ मारा था?

सोमनाथ में।

यादवों  का अंत कैसे हुआ?

यादव कृष्ण के साथ सोमनाथ में थे और पूरी तरह से नशे में थे। 

कृतवर्मा और सात्यकि कुरुक्षेत्र युद्ध के दौरान हुई कुछ बातों को लेकर लडे। 

सात्यकि ने कृतवर्मा का वध किया। 

भोज और अंधकों ने सात्यकि और प्रद्युम्न को मार डाला। 

उस स्थान पर एरक नामक की घास थी जो लोहे के मूसल के चूर्ण से जो समुद्र में फेंका गया था निकल आई थी। कृष्ण ने एक मुट्ठी भर एरक घास लिया तो वह लोहे की छडियां बन गई। 

कृष्ण ने उनके सामने आये सभी को उनके द्वारा मार डाला। 

जब अन्य यादवों ने यह देखा तो उन्होंने भी उस घास को उठा लिया जो लोहे की छडियों में बदल गई। 

उनके द्वारा उन्होंने एक दूसरे को मार डाला। 

बचे सभी को कृष्ण ने ही मार डाला।

यादवों द्वारा एक-दूसरे को मारने के बाद द्वारका में कौन बचा था? 

महिलाएं, बच्चे और बूढ़े।

बलराम की मृत्यु कैसे हुई?

सभी यादवों के मारे जाने के बाद बलराम ने समाधि में प्रवेश किया। 

उनके मुख से एक बडा सर्प (आदिशेष) निकला और समुद्र में प्रवेश कर गया।

कृष्ण को किसने मारा?

द्वारका के सभी यादवों ने एक दूसरे को मार डाला।  

कृष्ण ने समाधि में प्रवेश किया। 

एक शिकारी ने गलती से भगवान के चरण पर एक तीर मार दिया हिरण सोचकर। 

भगवान को देखकर वह डर गया। कृष्ण ने उसे सांत्वना देने के बाद शरीर त्याग दिया। 

कृष्ण का देह त्याग और अंतिम संस्कार कहाँ हुआ था?

भालका तीर्थ में, सोमनाथ मंदिर से चार किलोमीटर दूर।

कृष्ण और बलराम का अंतिम संस्कार किसने किया?

अर्जुन ने। 

द्वारका कैसे जलमग्न हो गयी?

द्वारका में बचे सभी लोगों को अर्जुन इंद्रप्रस्थ ले जा रहे थे। 

जब वे धीरे-धीरे बाहर निकलते रहे, द्वारका समुद्र में डूबने लगी। 

द्वारका की महिलाओं का क्या हुआ?

अर्जुन द्वारका में जीवित महिलाओं, बच्चों और बूढ़ों को इंद्रप्रस्थ ले जा रहे थे। 

रास्ते में, उन्होंने पंचनद में डेरा डाला। 

आभीर लुटेरों ने वहां उन पर हमला कर दिया और उनसे बड़ी संख्या में महिलाएं और कीमती सामान ले गए। 

जो बचे वे मार्तिकवत जैसे स्थानों में अभय लिये। कुछ महिलाएं अर्जुन के साथ वापस इंद्रप्रस्थ चली गईं। रुक्मिणी, लक्ष्मणा, जाम्बवती, मित्रविंदा, और कालिंदी ने सती की। सत्यभामा, नग्नजिति, और भद्रा तपस्या करने के लिए चली गयीं। 

द्वारका शारदा पीठ क्या है?

आदि शंकराचार्य ने चार मठों की स्थापना की। 

यह सनातन धर्म और अद्वैत वेदांत के प्रचार के लिए था। 

द्वारका शारदा पीठ उनमें से एक है।

द्वारका शारदा मठ के वर्तमान प्रमुख कौन हैं?

स्वामी सदानन्द सरस्वती।

द्वारका शारदा मठ के प्रथम प्रमुख कौन थे?

हस्तामलकाचार्य।

द्वारकाधीश मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?

श्रीकृष्ण के पौत्र वज्रनाभ ने।

 

क्या द्वारका पानी में डूबी हुई है?

हाँ। यादवों ने आपस में लडकर और एक दूसरे को मार डाला। कृष्ण वैकुण्ठ लौट गये। अर्जुन ने शेष निवासियों को द्वारका से बाहर निकाला। तब द्वारका समुद्र में डूबी।

द्वारका किस समुद्र में डूबी हुई है?

अरब सागर में।

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