Special - Narasimha Homa - 22, October

Seek Lord Narasimha's blessings for courage and clarity! Participate in this Homa for spiritual growth and divine guidance.

Click here to participate

स्वाती नक्षत्र

Swati Nakshatra symbol coral

  

तुला राशि के ६ अंश ४० कला से २० अंश तक जो नक्षत्र व्याप्त है उसे स्वाती (स्वाति) कहते हैं। 

वैदिक खगोल विज्ञान में यह पन्द्रहवां नक्षत्र है। 

आधुनिक खगोल विज्ञान के अनुसार स्वाती नक्षत्र को Arcturus कहते हैं।

व्यक्तित्व और विशेषताएं

स्वाती नक्षत्र में जन्म लेने वालों की विशेषताएं -

  • होशियार
  • आरामदायक जीवन
  • दरियादिल
  • न्याय परायण
  • उदारमति
  • महत्त्वाकांक्षी
  • बुद्धिमान
  • भाषण में चतुर
  • कला और संगीत में रुचि
  • मद्यपान, धूम्रपान आदि की आदत
  • गुस्सैल
  • स्वतंत्र सोच
  • मानवतावादी
  • विनम्
  • अन्तः प्रज्ञा
  • मीठा व्यवहार
  • व्यापार में कौशल
  • व्यवस्थित

प्रतिकूल नक्षत्र

  • अनुराधा
  • मूल
  • उत्तराषाढा
  • कृत्तिका वृषभ राशि
  • रोहिणी
  • मृगशिरा वृषभ राशि

स्वाती नक्षत्र में जन्म लेने वालों को इन दिनों महत्वपूर्ण कार्य नहीं करना चाहिए और इन नक्षत्रों में जन्मे लोगों के साथ भागीदारी नहीं करना चाहिए। 

स्वास्थ्य

स्वाती नक्षत्र में जन्म लेने वालों को इन स्वास्थ्य से संबन्धित समस्याओं की संभावना है-

  • मूत्र संबंधी रोग
  • त्वचा रोग
  • ल्यूकोडर्मा
  • कुष्ठ
  • मधुमेह
  • गुर्दे से संबंधित समस्याएं 

व्यवसाय

स्वाती नक्षत्र में जन्म लेने वालों के लिए कुछ अनुकूल व्यवसाय-

  • विद्युत उपकरण
  • वाहन
  • परिवहन
  • यात्रा व पर्यटन
  • सिनेमा
  • टी. वी.
  • संगीत
  • कला
  • प्रदर्शनियां
  • सजावट
  • वैज्ञानिक
  • जज
  • कवि
  • मंच संचालन
  • बेकरी
  • डेयरी
  • चमड़ा उद्योग
  • रसोइया
  • परिचारक
  • फोटोग्राफी
  • वीडियोग्राफी
  • वस्त्र
  • इत्र
  • प्लास्टिक
  • शीशा उद्योग

क्या स्वाती नक्षत्र वाला व्यक्ति हीरा धारण कर सकता है?

अनुकूल है। 

भाग्यशाली रत्न

गोमेद

अनुकूल रंग

काला, सफेद, हल्का नीला। 

स्वाती नक्षत्र में जन्मे बच्चे का नाम

स्वाती नक्षत्र के लिए अवकहडादि पद्धति के अनुसार नाम का प्रारंभिक अक्षर हैं-

  • पहला चरण - रू
  • दूसरा चरण - रे
  • तीसरा चरण - रो
  • चौथा चरण - ता

नामकरण संस्कार के समय रखे जाने वाले पारंपरिक नक्षत्र-नाम के लिए इन अक्षरों का उपयोग किया जा सकता है।

शास्त्र के अनुसार नक्षत्र-नाम के अलावा एक व्यावहारिक नाम भी होना चाहिए जो रिकॉर्ड में आधिकारिक नाम रहेगा। उपरोक्त प्रणाली के अनुसार रखे जाने वाला नक्षत्र-नाम केवल परिवार के करीबी सदस्यों को ही पता होना चाहिए।

स्वाती नक्षत्र में जन्म लेने वालों के व्यावहारिक नाम इन अक्षरों से प्रारंभ न करें - य, र, ल, व, उ, ऊ, ऋ, ष, अं, अः, क्ष।

वैवाहिक जीवन

स्वाति नक्षत्र में जन्मी स्त्रियों को आरामदायक और सफल वैवाहिक जीवन प्राप्त होगा। 

पुरुषों को शराब जैसी बुरी आदतों से दूर रहना चाहिए। 

उपाय

स्वाती नक्षत्र में जन्म लेने वालों के लिए सूर्य, शनि और केतु की दशाएं आमतौर पर प्रतिकूल होती हैं। 

वे निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं।

मंत्र

ॐ वायवे नमः 

स्वाती नक्षत्र

  • स्वामी - वायु
  • अधीश ग्रह - राहु
  • पशु - भैंस
  • वृक्ष - अर्जुन वृक्ष
  • पक्षी - कौआ
  • भूत - अग्नि
  • गण - देव
  • योनि - भैंसन (स्त्री)
  • नाडी - अन्त्य
  • प्रतीक - मूंगा

 

75.4K
11.3K

Comments

Security Code
57606
finger point down
यह वेबसाइट बहुत ही शिक्षाप्रद और विशेष है। -विक्रांत वर्मा

आपके प्रवचन हमेशा सही दिशा दिखाते हैं। 👍 -स्नेहा राकेश

वेदधारा सनातन संस्कृति और सभ्यता की पहचान है जिससे अपनी संस्कृति समझने में मदद मिल रही है सनातन धर्म आगे बढ़ रहा है आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 -राकेश नारायण

यह वेबसाइट ज्ञान का अद्वितीय स्रोत है। -रोहन चौधरी

आपकी सेवा से सनातन धर्म का भविष्य उज्ज्वल है 🌟 -mayank pandey

Read more comments

Knowledge Bank

दैनिक कर्तव्यों के माध्यम से जीवन के तीन ऋणों को पूरा करना

एक मनुष्य तीन ऋणों के साथ पैदा होता है: ऋषि ऋण (ऋषियों के लिए ऋण), पितृ ऋण (पूर्वजों के लिए ऋण), और देव ऋण (देवताओं के लिए ऋण)। इन ऋणों से मुक्त होने के लिए शास्त्रों में दैनिक कर्तव्य बताए गए हैं। इनमें शारीरिक शुद्धि, संध्यावंदनम (दैनिक प्रार्थना), तर्पण (पूर्वजों के लिए अनुष्ठान), देवताओं की पूजा, अन्य दैनिक अनुष्ठान और शास्त्रों का अध्ययन शामिल हैं। शारीरिक शुद्धि के माध्यम से स्वच्छता बनाए रखें, संध्यावंदनम के माध्यम से दैनिक प्रार्थना करें, तर्पण के माध्यम से पूर्वजों को याद करें, नियमित रूप से देवताओं की पूजा करें, अन्य निर्धारित दैनिक अनुष्ठानों का पालन करें और शास्त्रों के अध्ययन के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करें। इन कार्यों का पालन करके हम अपनी आध्यात्मिक जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं।

शिव गायत्री मंत्र

तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्

Quiz

कितने वेद हैं ?
हिन्दी

हिन्दी

ज्योतिष

Click on any topic to open

Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |
Whatsapp Group Icon