सर्प विष दूरीकरण मंत्र
ॐ तमहानी ऊदर महानी वासुन्थरो विश्वकृहाला हलोना प्ययहति ठः ठः।
इस मंत्र को पढकर गो धूमाकी जड जल में पीस पिलावे विष दूर होय।
आचार्य विनोबा भावे कहते थे कि मैं मां का बेटा हूं
सुद्युम्न की कथा
जानिए- सुद्युम्न क्यों लडकी बनकर पैदा हुआ, सुद्युम्न को पुरुष किसने बनाया, सुद्युम्न फिर से स्त्री कैसे बन गया, सुद्युम्न को स्थायी रूप से पुरुष किसने बनाया।
Click here to know more..कृष्ण आश्रय स्तोत्र
सर्वमार्गेषु नष्टेषु कलौ च खलधर्मिणि। पाषण्डप्रचुरे लोके कृष्ण एव गतिर्मम। म्लेच्छाक्रान्तेषु देशेषु पापैकनिलयेषु च। सत्पीडाव्यग्रलोकेषु कृष्ण एव गतिर्मम। गङ्गादितीर्थवर्येषु दुष्टैरेवावृतेष्विह। तिरोहिताधिदैवेषु कृष्ण एव गतिर्मम। अहङ्कारविमूढेषु सत्सु पा
Click here to know more..___ गरल पर नींबू मन्त्र आदेश देवी मनसा कागजी निबुआ रस से सरी। तेरे गुणन से विष जाय करी । ऊपर न जा विष । रह तूं मुंडलाए । विषहरिके दुहाई से चल जाय।
नींबू को तीन बार मन्त्र पढ़ कर गरल स्थान पर लगावें।
कखरबाई का मन्त्र ओं नमः कखरवाई की मरी तलाई । तहं बैठे हनुसन्ता आई। पाके न फूटे न पिराय चलै चलै वाल यति सहाय गुरु गोरखनाथ दोहाय । इस मन्त्रले २१ बार नीमकी डाली से ३ दिन झाडै जानु व पसली, डमरू वायु तीनोंका एक मंत्र ।
ओं नमो खंखारी खंखारा कता गया सवा लाख परवतो गया सवालाख परवतो जाय काह करेगा सवाभार कोइला करेगा सवाभार । कोइलाकर कहा करेगा हनुमंत वीरका नवचन्द्रहास गढ़ेगा नवचन्द्र हास खड्ग गढ़िके काहे करेगा जानु वहमरू पसुली वाईकाट कूट नोना समुद्रपार फेंकेगा। गुरूकीशक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा । ____ इस मन्त्र द्वारा सिन्दूर तिल तैल से तीर के सहारे झारै । पहले हजार मन्त्र जप सिद्ध करे।
___ ऊवा डबका का मंत्र ओं नमः खवारी खवारा, कहाँ गया सवा लाख पर्वतो गया। सवा लाख पर्वतो जाई काहे किया, लड़की कटाया । लकड़ी कटाई काहे किया,कोइला कराया, कोइला कराई काहेकिया, छुरा गढ़ाया छुरा गढ़ाई काहे किया । ऊवा डबका हाड़ गोड़ कटाया गोड़ काटि काह किया कारी कमरिया लपेट समुद्र पार फेकाया । शब्द सांचा फुरो मंत्रो इश्वरोवाचा ।
पोलिया का मंत्र ओं नमः आदेश गुरु को श्री राम सर साधा लक्ष्मण साधा वाण कालापीला रीतानीलीथोथापीली पीला पीला चारो गिर जहिं तो श्री रामचन्द्रजी रहे नाम हमारी अंक्ति गुरु की शक्ति फुरो मंत्र ईश्वरावाचा |
सात शनिवार पीतल के कटोरा में पानी ले सुई से सात बारा ।
रोधन वायुका मन्त्र
ओम् नमो कामरू देश कामाख्या देवी जहां बसे इस्मायल योगी । इस्मायल योगी के तीन । बेटी, एक तोड़े एक पिछौड़े एक रींधन वायु को मोहर शब्द |
मङ्गलवार को मणियार (मतिहार) के मुरगी से
२१ बार करे ।
पेट व्यथा वायुगोला पिल्ही का मंत्र ओमनमो काली कङ्कालिनीनदीपार बसैइस्माल योगी लोहे का छोटा काटि २ लोहे का गोला काट काट तो शब्द सांचा फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा | इस मंत्र से रविवार मङ्गल को चाकू से भूमि पर रेखा काटके करे ।
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