Makara Sankranti Special - Surya Homa for Wisdom - 14, January

Pray for wisdom by participating in this homa.

Click here to participate

आरती कुंज बिहारी की

117.1K
17.6K

Comments

Security Code
65257
finger point down
आपकी वेबसाइट बहुत ही विशिष्ट और ज्ञानवर्धक है। 🌞 -आरव मिश्रा

Yeah website hamare liye to bahut acchi hai Sanatan Dharm ke liye ek Dharm ka kam kar rahi hai -User_sn0rcv

वेदधारा के कार्यों से हिंदू धर्म का भविष्य उज्जवल दिखता है -शैलेश बाजपेयी

वेदधारा की सेवा समाज के लिए अद्वितीय है 🙏 -योगेश प्रजापति

सत्य सनातन की जय हो💐💐💐 -L R Sharma

Read more comments
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरीघर कृष्ण मुरारी की
(आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरीघर कृष्ण मुरारी की)
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरीघर कृष्ण मुरारी की
(आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरीघर कृष्ण मुरारी की)
गले में वैजंती माला
बजावै मुरली मधुर बाला
श्रवण में कुंडल झलकाला
नंद के आनंद नंदलाला
गगन सम अंधकांति काली
राधिका चमक रही याली
लतन में ठाढ़े वनमाली
भ्रमर सी अलग, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक
ललित छवि श्यामा प्यारी की
श्री गिरीघर कृष्ण मुरारी की
कनक मय-मोर-मुकुट दिल से
देवता दर्शन को तरसे
गगन सौं सुमन राशी बरसै
बजै मुरचंग, मधुर मृदंग, ग्वालिनी संग
अतुल रती गोप कुमैरी की
श्री गिरीघर कृष्ण मुरारी की
जहाँ ते प्रकट भयी गंगा
सकल मल्हारिनी श्री गंगा
स्मरण ते होत मोह भंगा
बसी शिव शीष, जटा के बीच
हरे अघ कीच, चरण छवि श्री बनवारी की
श्री गिरीघर कृष्ण मुरारी की
चमकती उज्ज्वल तट रेनु
बज रही वृंदावन बेनु
चहुँ दिशी गोपी-ग्वाल धेनु
हँसत मृदु-मंद, चाँदनी चंद्र
कटत भव-भंद, टेढ़ सुनु दीन दुःखारी की
श्री गिरीघर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरीघर कृष्ण मुरारी की
(आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरीघर कृष्ण मुरारी की)

Knowledge Bank

हडपी हुई जमीन वापस मिलने का मंत्र क्या है?

ॐ शनि कांकुली पाणीयायाम् । पालनहरि आरिक्षणी । नेम्बेंदिविरान्दिन यदू यदू । जाणनिरान्द्रि । पाषाण युगे युगे धर्मयन्त्री । फाअष्टष्यति नजर याणी धुम्रयाणी । धनम् प्रजायायाम् घनिष्टयति । पादानिदर पादानिदर नमस्तेते नमस्तेते । आदरणीयम् फलायामी फलायामी । इति सिद्धम् - प्रति दिन ७२ बार बोलें ।

चूहा भगाने का मंत्र क्या है?

पीत पीतांबर मूसा गाँधी ले जावहु हनुमन्त तु बाँधी ए हनुमन्त लङ्का के राउ एहि कोणे पैसेहु एहि कोणे जाहु। मंत्र को सिद्ध करने के लिए किसी शुभ समय पर १०८ बार जपें और १०८ आहुतियों का हवन करें। जब प्रयोग करना हो, स्नान करके इस मंत्र को २१ बार पढें। फिर पाँच गाँठ हल्दी और अक्षता हाथ में लेकर पाँच बार मंत्र पढकर फूंकें और उस स्थान पर छिडक दें जहां चूहे का उपद्रव हो।

Quiz

अंत्येष्टि संस्कार में दिवंगत को कब पितृ का रूप मिलता है ?
हिन्दी

हिन्दी

भजन एवं आरती

Click on any topic to open

Copyright © 2025 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |
Vedahdara - Personalize
Whatsapp Group Icon
Have questions on Sanatana Dharma? Ask here...