• 46 ॐ जय जगदीश हरे - मान्या अरोरा
  • 45 महाकाल आरती
  • 44 अलौकिक देवी भजन संग्रह
  • 43 दुर्गा चालीसा
  • 42 कृष्ण जी के मधुर भजन
  • 41 ॐ जय जगदीश हरे
  • 40 आरती कुंज बिहारी की
  • 39 जय शिव ओंकारा
  • 38 गणेश चालीसा
  • 37 भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अंबे
  • 36 अंबे तू है जगदम्बे काली
  • 35 लक्ष्मी आरती
  • 34 आरती कीजे श्री रघुवर जी की
  • 33 जय गणेश जय गणेश देवा
  • 32 बटुक भैरव आरती
  • 31 नैना देवी की आरती
  • 30 जमवाय माता की आरती
  • 29 आरती करने की विधि
  • 28 आरती कीजै हनुमान लला की
  • 27 मैं तेरे ध्यान में मग्न रहा
  • 26 मैं हीन हूं तो तेरा
  • 25 मध्वमुनि हे गुरु
  • 24 मधुकर वृत्ति है मेरी
  • 23 कस न दीनपर द्रवहु उमाबर
  • 22 किसका यहां कौन
  • 21 कलियुग में हरि नाम स्मरण से
  • 20 गोविंद गोविंद अति आनंद
  • 19 तू क्यों रे
  • 18 देख देखकर
  • 17 मृत्तिका से काया
  • 16 देव बडे दाता बडे- तुलसीदासजी की रचना
  • 15 होना गुरु कारुण्य
  • 14 दे मुझे दिव्य मति सरस्वती
  • 13 बिना मन शुद्धि के मंत्र का फल क्या है
  • 12 भाग्य की लक्ष्मी आओ मां
  • 11 जहां हरिकथा प्रसंग हो वहीं
  • 10 गजवदन मांगूं मैं - पुरन्दर दास भजन
  • 9 महादेव आज एक वन बन गये हैं - कहते हैं तुलसीदासजी
  • 8 भैरव स्तोत्र
  • 7 तुलसीदासजी कहते हैं - अगर याचना करनी है तो गिरिजापति से - विनय पत्रिका से जाँचिये गिरिजापति कासी भजन
  • 6 देवी पार्वती से ब्रह्माजी कहते हैं - यह जो भाग्य लिखने का काम है न इसे किसी और को सौंपिये
  • 5 तुलसीदास जी पूछते हैं - शंकर भगवान को छोड़कर और किससे याचना की जाए?
  • 4 दुसह दोष - गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा विरचित देवी स्तुति
  • 3 दीन - दयालु दिवाकर देवा - गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा कृत सूर्य स्तुति
  • 2 शंकर भगवान जैसे कोई दानी नहीं है- तुलसीदासजी द्वारा रचित दानी कहूं
  • 1 तुलसीदासजी द्वारा रचित गाइये गणपति