बिलासपुर शिव मंदिर में नागराज

 

देखिये महादेव के मंदिर में, शिव जी को किस तरह लिपट के बैठे थे,नागराज |Amazing Video,Venomous Snake

 

भगवान रुद्र सबके अन्दर विराजमान होकर उनका नियंत्रण करते हैं।

उनको पहचानना ही जीवन का लक्ष्य है।

वे सौम्य हैं।

वे घोर हैं।

वे घोरों से भी घोरतर हैं।

वे सर्वसंहारी हैं।

उनके सारे स्वरूपों को नमस्कार।

हे महादेव! मुझे अजेय होने का आशीर्वाद दो।

 

ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय

 

मृत्युञ्जय मंत्र का अर्थ

तीन नेत्रों वाले शंकर जी, जिनकी महिमा का सुगन्ध चारों ओर फैला हुआ है, जो सबके पोषक हैं, उनकी हम पूजा करते हैं। वे हमें परेशानियों और मृत्यु से इस प्रकार सहज रूप से मोचित करें जैसे खरबूजा पक जाने पर बेल से अपने आप टूट जाता है। किंतु वे हमें मोक्ष रूपी सद्गाति से न छुडावें।

शिव जी को अद्वितीय क्यों कहते हैं?

क्यों कि शिव जी ही ब्रह्मा के रूप में सृष्टि, विष्णु के रूप में पालन और रुद्र के रूप में संहार करते हैं।

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शिवजी ने सबसे पहले श्रीरामचरितमानस किसको दिया था ?
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