Special - Saraswati Homa during Navaratri - 10, October

Pray for academic success by participating in Saraswati Homa on the auspicious occasion of Navaratri.

Click here to participate

बाबा गंगेश्वरनाथ धाम

 

बाबा गंगेश्वरनाथ धाम कहां स्थित है?

बाबा गंगेश्वरनाथ धाम उत्तर प्रदेश के संत रविदास नगर जिला के डीघ मंडल में इटहरा गांव में स्थित है। 

यह गांव गंगा नदी से तीनो दिशाओं से घिरी हुई है।

बाबा गंगेश्वरनाथ धाम किस भगवान का मंदिर है?

बाबा गंगेश्वरनाथ धाम में भगवान शंकर विराजमान हैं।

भगवान शंकर को गंगेश्वरनाथ क्यों कहते हैं?

बाबा गंगेश्वरनाथ धाम पश्चिमवाहिनी गंगा के सम्मुख होने के कारण भगवान शंकर को यहां गंगेश्वरनाथ कहते हैं।

पश्चिमवाहिनी गंगा की विशेषता क्या है?

गंगाजी सामान्य रूप से पूर्व या दक्षिण की ओर बहती है। 

कुछ ही दुर्लभ स्थानों में प्रवाह पश्चिम या उत्तर की ओर है। 

ये स्थान बहुत ही पवित्र माने जाते हैं। 

पर्वों और त्योहारों में यहां स्नान करने बहु संख्या में भक्त आते हैं।

बाबा गंगेश्वरनाथ धाम का निर्माण कब और किसके द्वारा हुआ?

बाबा गंगेश्वरनाथ धाम का निर्माण सन १७५० में बिसेन राज्पूतों ने काशी नरेश की सहायता से कराया था। 

श्री. शिवलाल सिंह ने मंदिर का शिलान्यास किया था।

बाबा गंगेश्वरनाथ धाम का विशेष त्योहार क्या है?

महाशिवरात्री।

बाबा गंगेश्वरनाथ धाम के त्रिशूल के बारे में क्या विश्वास है?

भक्तजन मानते हैं कि बाबा गंगेश्वरनाथ धाम के ऊपर स्थापित त्रिशूल घूमता है।

 

 

Google Map Image

 

 

 

34.5K
5.2K

Comments

Security Code
15532
finger point down
वेदधारा के माध्यम से मिले सकारात्मकता और विकास के लिए आभारी हूँ। -Varsha Choudhry

गुरुजी का शास्त्रों की समझ गहरी और अधिकारिक है 🙏 -चितविलास

वेदधारा के कार्यों से हिंदू धर्म का भविष्य उज्जवल दिखता है -शैलेश बाजपेयी

Ram Ram -Aashish

इस परोपकारी कार्य में वेदधारा का समर्थन करते हुए खुशी हो रही है -Ramandeep

Read more comments

Knowledge Bank

राजा दिलीप और नन्दिनी

राजा दिलीप के कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने अपनी रानी सुदक्षिणा के साथ वशिष्ठ ऋषि की सलाह पर उनकी गाय नन्दिनी की सेवा की। वशिष्ठ ऋषि ने उन्हें बताया कि नन्दिनी की सेवा करने से उन्हें पुत्र प्राप्त हो सकता है। दिलीप ने पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ नन्दिनी की सेवा की, और अंततः उनकी पत्नी ने रघु नामक पुत्र को जन्म दिया। यह कहानी भक्ति, सेवा, और धैर्य का प्रतीक मानी जाती है। राजा दिलीप की कहानी को रामायण और पुराणों में एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है कि कैसे सच्ची निष्ठा और सेवा से मनुष्य अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।

क्या बलदेव जी ने भीमसेन को प्रशिक्षण दिया था?

द्रोणाचार्य से प्रशिक्षण पूरा होने के एक साल बाद, भीमसेन ने तलवार युद्ध, गदा युद्ध और रथ युद्ध में बलदेव जी से प्रशिक्षण प्राप्त किया था।

Quiz

उपनिषद किस दर्शन के अन्तर्गत हैं ?
हिन्दी

हिन्दी

मंदिर

Click on any topic to open

Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |
Whatsapp Group Icon