अंबे तू है जगदम्बे काली

 

अम्बे तू है जगदम्बे काली,

जय दुर्गे खप्पर वाली,

तेरे ही गुण गायें भारती,

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।

 

तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी,

दानव दल पर टूट पड़ो माँ कर के सिंह सवारी ।

सौ सौ सिंहों से भी बलशाली,

है दस भुजाओं वाली,

दुखियों के दुखड़े निवारती ।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।

 

माँ बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता,

पूत कुपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता ।

सबपे करुना दर्शाने वाली,

अमृत बरसाने वाली,

दुखियों के दुखड़े निवारती ।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।

 

नहीं मांगते धन और दौलत ना चांदी ना सोना,

हम तो मांगे तेरे मन में एक छोटा सा कोना ।

सब की बिगड़ी बनाने वाली,

लाज बचाने वाली,

सतियों के सत को संवारती ।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।

 

अम्बे तू है जगदम्बे काली,

जय दुर्गे खप्पर वाली,

तेरे ही गुण गायें भारती,

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।

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दक्षिण-पूर्व दिशा कौन सी होती है?

किसी घर या भूखंड की पूर्व और दक्षिण दिशाएं जहां मिलती हैं उस स्थान को दक्षिण-पूर्व कहते हैं । वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पूर्व दिशा को आग्नेय कोण भी कहते हैं।

गौओं का स्थान देवताओं के ऊपर क्यों है?

घी, दूध और दही के द्वारा ही यज्ञ किया जा सकता है। गायें अपने दूध-दही से लोगों का पालन पोषण करती हैं। इनके पुत्र खेत में अनाज उत्पन्न करते हैं। भूख और प्यास से पीडित होने पर भी गायें मानवों की भला करती रहती हैं।

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हनुमानजी कलियुग में कहां निवास करते हैं ?
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