देवेन्द्रमौलिमन्दार- मकरन्दकणारुणाः।
विघ्नं हरन्तु हेरम्ब- चरणाम्बुजरेणवः।
सोम स्तोत्र
श्वेताम्बरोज्ज्वलतनुं सितमाल्यगन्धं श्वेताश्वयुक्तर....
Click here to know more..चंडी कवच
ॐ मार्कण्डेय उवाच। यद्गुह्यं परमं लोके सर्वरक्षाकरं नृ....
Click here to know more..दानं भोगो नाशः
धन की तीन गतियां होती है । पहली गति है दान अर्थात् दूसरों ....
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