स्तोत्र या भजन गाते हुए खाना पकाना स्वास्थ्य के लिये अच्छा होता है

स्तोत्र या भजन गाते हुए खाना पकाना स्वास्थ्य के लिये अच्छा होता है। या नाम स्मरण कीजिए, दिव्य नामों का उच्चार कीजिए ।

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ब्रह्मा की आयु ३,११,०४.००,००,००,००,०० मानव-वर्ष है।

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आपके परिवार के कल्याण को बेहतर बनाने का एक सरल और प्रभावशाली तरीका है। खाना पकाते समय किसी स्तोत्र या श्लोक का जाप कीजिए जो आप जानती हैं। या नाम स्मरण कीजिए, दिव्य नामों का उच्चार कीजिए। खाना खाने से पहले प्रार....


आपके परिवार के कल्याण को बेहतर बनाने का एक सरल और प्रभावशाली तरीका है।

खाना पकाते समय किसी स्तोत्र या श्लोक का जाप कीजिए जो आप जानती हैं।

या नाम स्मरण कीजिए, दिव्य नामों का उच्चार कीजिए।

खाना खाने से पहले प्रार्थना करना कुछ और बात है।

भगवान के प्रति आभार व्यक्त करना कुछ और बात है।

खाना पकाते वक्त जाप करना एक अलग तरीके से काम करता है।

यह ध्वनि की शक्ति पर आधारित है।

सकारात्मक कंपन की शक्ति।

आप जानती हैं कि ध्वनि को कंप्यूटर, मोबाईल या सी डी जैसे मीडिया में रेकोर्ड किया जा सकता है।

ध्वनि रेकोर्ड की जा सकती है और यह जगह से जगह जा सकती है।

यह लगभग हर माध्यम से यात्रा कर सकती है ; ठोस, द्रव या गैस।

और ध्वनि के तरंग बहुत शक्तिशाली हैं।

सोनिक कटर उपलब्ध है जो किसी भी चीज को काटने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

उनका सर्जरी में भी इस्तेमाल हो रहा है।

अल्ट्रासाउंड वेल्डिंग में प्रयोग किया जाता है।

ध्वनि की गोलियां, ध्वनि ग्रेनॆड और ध्वनि तोपें उपलब्ध हैं।

सभी ध्वनि की शक्ति का उपयोग करते हैं।

ध्वनि का उपयोग इलाज के लिए भी किया जाता है।

ध्वनि इलाज कर सकती है।

ध्वनि संतुलन ला सकती है।

ध्वनि उत्साह पैदा कर सकती है।

ध्वनि शांति दे सकती है।

ध्वनि परिवर्तन ला सकती है।

यही कारण है कि हमारे ऋषियों ने हमें इतने सारे मंत्र दिये हैं जो आपको अंदर से बदल सकते हैं।

और आपके नजदीक जो कोई भी हो जो कुछ भी हो उन्हें भी बदल सकते हैं।

आयुर्वेद की एक शाखा है दैवव्यपाश्रय चिकित्सा।

उसमें इन तकनीकों का उपचार में प्रयोग किया जाता है।

दवाइयों को तैयार करते समय उन्हें मंत्रों द्वारा ऊर्जा दी जाती है।

जब उन्हें रोगियों को देते हैं तो मंत्रों का जाप किया जाता है।

दवाइयां इस तरह बेहतर काम करने लगती हैं।

हो सकता है कि आपके पति के पास समय या आध्यात्मिक साधना के लिए रुचि न हो।

आपका बच्चा इन सबके लिए बहुत छोटा हो।

उनकी मदद करती हैं आप।

खाना पकाने के दौरान किसी भी श्लोक या स्तोत्र का जाप करना या भजन या कीर्तन गाना शुरू कीजिए।

अगर आप कोई श्लोक नहीं जानती हैं तो सीखिए।

जाप करते समय आवाज बाहर सुनाई देना चाहिए।

खाना जो बन रहा है यह ध्वनि उसमें अवशोषित हो जाएगी।

खास करके जब खाने को गरम करते वक्त।

भोजन के साथ यह सकारात्मक ऊर्जा आपके परिवारवालों के शरीर में चली जाएगी।

यह उनके शरीर के हर जीवकोष में अवशोषित हो जाएगी।

यह उनकी रक्षा करेगी।

यह उन्हें शुद्ध करेगी।

यह उन्हें उत्साहित करेगी।

यह उनमें सकारात्मकता लाएगी।

इसे श्रद्धा के साथ कीजिए।

बदलाव जरूर दिखाई देगा।

यदि आप पहले से ऐसा नहीं कर रही हैं तो आज से करना शुरू कीजिए।

यही हर मंत्र हर श्लोक हर स्तोत्र के पीछे का रहस्य है।

यह हमारी महान विरासत है जिसे हमारे ऋषियों ने और आचार्यों ने हमें दिया है।

उनके आभारी रहिए।

इन तथ्यों को व्यावहारिक उपयोग में लाइए।

उनका लाभ उठाइए।

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