मल्लिकार्जुन

 

{श्रीशैलम, मल्लिकार्जुन} Srisailam Mallikarjun Tour Guide | Srisailam Jyotirling Yatra | यात्रा वत्स

 

ब्रह्मा जी और श्रीहरि ने भोलेनाथ का यशोगान करके कहा है:

आप अनन्त तेजोमय हैं।

आप श्रेष्ठ व्रतों का पालन करने वाले हैं।

विश्व का बीज आप ही हैं।

विश्व के अधिपति आप ही हैं।

आप त्रिशूलधारी हैं।

हम सबकी उत्पत्ति आप से ही हुई है।

सारे यज्ञों को और पूजनों को आप ही संपन्न कराते हैं।

समस्त द्रव्यों के स्वामी आप ही हैं।

आप विद्या के स्वामी हैं।

आप मंत्रों के स्वामी हैं।

आप व्रतों के स्वामी हैं।

आपकी शक्ति को कोई पूर्ण रूप से समझ नहीं सकता।

हमने जितना आप को जाना उसके अनुसार आपकी स्तुति करते हैं।

आपको बार बार नमस्कार।

- वायुपुराण

 

 

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मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग कौन से राज्य में स्थित है?

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर स्थित है।

हैदराबाद के पास कौन सा ज्योतिर्लिंग है?

हैदराबाद से २१५ कि.मी. दूरी पर श्रीशैल पर्वत पर मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग स्थित है।

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