पति और पत्नी के बीच स्नेह के लिए शक्ति गणपति मंत्र

 

 

आलिङ्ग्य देवीमभितो निषण्णां परस्परास्पृष्टकटीनिवेशम्। सन्ध्यारुणं पाशसृणीवहन्तं भयापहं शक्तिगणेशमीडे॥....

आलिङ्ग्य देवीमभितो निषण्णां परस्परास्पृष्टकटीनिवेशम्।
सन्ध्यारुणं पाशसृणीवहन्तं भयापहं शक्तिगणेशमीडे॥

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