सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मंत्र

पुनस्त्वादित्या रुद्रा वसवः समिन्धतां पुनर्ब्रह्माणो वसुनीथ यज्ञैः । घृतेन त्वं तनुवो वर्धयस्व सत्याः सन्तु यजमानस्य कामाः॥....

पुनस्त्वादित्या रुद्रा वसवः समिन्धतां पुनर्ब्रह्माणो वसुनीथ यज्ञैः ।
घृतेन त्वं तनुवो वर्धयस्व सत्याः सन्तु यजमानस्य कामाः॥

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