नमामि गंगे

भगवति तव तीरे नीरमात्राशनोऽहं
विगतविषयतृष्णः कृष्णमाराधयामि ।
सकलकलुषभङ्गे स्वर्गसोपानसङ्गे
तरलतरतरङ्गे देवि गङ्गे ।
प्रसीद प्रसीद ।
नमामि गङ्गे नमामि गङ्गे ।

स्वर्ग की परछाइयां दिखती तेरे आंचल तले
मां तेरी हर बूंद में बहती हुई ममता मिले
तू हथेली तन पे फेरे मन को भी निर्मल करे
जिस तरह को तू छुए जीवन से उस को सीच दे
लेके आया हर कोई बस पाप तुझ को सौंपने
फिर भी तू बहती चले सब को लगाकर के गले
स्वाद अमृत का तुझे ही चूमकर जाना
प्रसीद प्रसीद ।
नमामि गङ्गे नमामि गङ्गे ।

पानी जो तेरा खारा तेरे तेरे आंसू की धारा
कैसे मैं देखूं संतान हूं
माना है तुझे मां ये धरम है मेरा
मैं तुझे तेरा वो सम्मान दूं
नमामि गङ्गे नमामि गङ्गे ।

 

Namami Gange Anthem

 

Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |