Special - Hanuman Homa - 16, October

Praying to Lord Hanuman grants strength, courage, protection, and spiritual guidance for a fulfilled life.

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जय जय जय हनुमान गोसाई

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वेदधारा के कार्य से हमारी संस्कृति सुरक्षित है -मृणाल सेठ

वेदधारा के साथ ऐसे नेक काम का समर्थन करने पर गर्व है - अंकुश सैनी

वेदधारा की धर्मार्थ गतिविधियों का हिस्सा बनकर खुश हूं 😇😇😇 -प्रगति जैन

इस परोपकारी कार्य में वेदधारा का समर्थन करते हुए खुशी हो रही है -Ramandeep

आपके प्रवचन हमेशा सही दिशा दिखाते हैं। 👍 -स्नेहा राकेश

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देहि हरो हनुमान महाप्रभु जो कछु संकट होये हमारो
कौन सो संकट मोर ग़रीब को जो तुमसे नही जात है टारो
जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज
जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज
तन में तुम्हरे शक्ति विराजे मन भक्ति से भीना
जो जान तुम्हरी शरण मे आये
जो जान तुम्हरी शरण मे आये दुख दरद हर लीना हनुमत
दुख दरद हर लीना
महावीर प्रभु हम दुखियन के तुम हो ग़रीब निवाज़ हनुमत
तुम हो ग़रीब निवाज़ हनुमत
जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज
जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज
राम लखन वैदेही तुम पर सदा रहे हरषाए
हृदय चीर के राम सिया का
हृदय चीर के राम सिया का दर्शन दिया कराए हनुमत
दर्शन दिया कराए
दो कर जोड़ अरज, हनुमंता
कहीयो प्रभु से आज हनुमत, कहीयो प्रभु से आज हनुमत
जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज
जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज
कृपा करो महाराज

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इन समयों में बोलना नहीं चाहिए

स्नान करते समय बोलनेवाले के तेज को वरुणदेव हरण कर लेते हैं। हवन करते समय बोलनेवाले की संपत्ति को अग्निदेव हरण कर लेते हैं। भोजन करते समय बोलनेवाले की आयु को यमदेव हरण कर लेते हैं।

भगवान शिव की पूजा के रूप में जीवन

हे शिव, आप मेरी आत्मा हैं, देवी पार्वती मेरी बुद्धि हैं, मेरे साथी मेरी जीवन ऊर्जा हैं, और यह शरीर आपका मंदिर है। मेरे सभी अनुभव आपकी दिव्य भोग हैं। मेरी नींद गहरी साधना है, मेरा चलना आपके चारों ओर प्रदक्षिणा है, और मेरे सभी शब्द आपके लिए स्तुति हैं। हे शंभु, मैं जो भी कर्म करता हूँ, उसे आपकी पूजा मानता हूँ। इस दृष्टिकोण के साथ जीवन जीने से, भक्त प्रत्येक क्षण को निरंतर भक्ति के रूप में अनुभव करता है, जहाँ साधारण गतिविधियाँ भी पवित्र अनुष्ठानों में बदल जाती हैं। यह श्लोक सिखाता है कि सच्ची पूजा केवल अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि सभी कर्मों तक विस्तारित होती है, जो दिव्य उपस्थिति के साथ की जाती है।

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