Sitarama Homa on Vivaha Panchami - 6, December

Vivaha panchami is the day Lord Rama and Sita devi got married. Pray for happy married life by participating in this Homa.

Click here to participate

स्थान, संग और समय आदमी को भला या बुरा कर सकते हैं

Listen to the audio above

ram, seetha, and hanuman

111.4K
16.7K

Comments

Security Code
85546
finger point down
शास्त्रों पर गुरुजी का मार्गदर्शन गहरा और अधिकारिक है 🙏 -Ayush Gautam

गुरुजी की शिक्षाओं में सरलता हैं 🌸 -Ratan Kumar

आपके शास्त्रों पर शिक्षाएं स्पष्ट और अधिकारिक हैं, गुरुजी -सुधांशु रस्तोगी

वेदधारा के प्रयासों के लिए दिल से धन्यवाद 💖 -Siddharth Bodke

वेदधारा की समाज के प्रति सेवा सराहनीय है 🌟🙏🙏 - दीपांश पाल

Read more comments

स्थान, संग और समय आदमी को भला या बुरा कर सकते हैं

ग्रह भेषज जल पवन पट पाइ कुजोग सुजोग।
होहि कुबस्तु सुबस्तु जग लखहिं सुलच्छन लोग।।7(क)।।

ग्रह, ओषधि, जल, वायु और वस्त्र बुरे संग को पाकर बुरे और अच्छे संग को पाकर अच्छे हो जाते हैं।
यह बात आम आदमी नहीं समझ पाएगा।
इसे ज्योतिषी जैसे विशेषज्ञ ही जान पाते हैं।
नौ ग्रह आपस में शत्रु और मित्र का भाव रखते हैं।
जैसे बृहस्पति ग्रह का -
सूरे सौम्यसितावरी रविसुतो मध्योऽपरे त्वन्यथा।
बृहस्पति ग्रह स्वाभाविक रूप से शुभ ग्रह है।
बुध और शुक्र बृहस्पति के शत्रु हैं।
अगर बृहस्पति बुध और शुक्र के साथ है तो अपना शुभ फल कम ही दे पाता है।
अगर बुध ग्रह एक शुभ ग्रह के साथ हो तो शुभ फल देता है, अशुभ ग्रह के साथ हो तो अशुभ फल देता है।
चन्द्रमा अगर मेष राशि की पहली घडी में हो तो घात चन्द्र मानी जाती है।
इस प्रकार अन्य राशियों के लिए भी - वृष की पांचवीं, मिथुन की नौवीं, इस प्रकार।
चन्द्रमा जब इन घात स्थानों में हो तो कुछ भी महत्वपूर्ण कार्य नहीं करना चाहिए, उसका फल शुभ नहीं होगा।
एक ही ग्रह अलग अलग स्थानों में अलग अलग फल देता है।
ये सब ज्योतिषी लोग ही जान पाते हैं।
प्रकृति का नियम भी यही है।
स्थान और संग के अनुसार आदमी का स्वभाव भी बदलता है।
इसलिए प्रयास करो कि अच्छे स्थानों में अच्छे लोगों के साथ रहें।
ओषधियों का देखिए।
दवा को देखिए।
बीमारी की वजह क्या है, समय क्या है, रोगी दूसरा कौन सा दवा ले रहा है; ये सब देखकर ही दवा देते हैं।
बुखार मलेरिया के कारण हो सकता है, सर्दी के कारण भी हो सकता है।
अगर सर्दी वाले को मलेरिया का दवा दिया जाएं तो वह नुकसान भी कर सकता है।
यह किसको पता रहता है?
डाक्टर को।
सांप के जहर की इलाज के लिए जहर ही दिया जाता है, इसे एंटी वेनम कहते हैं।
यही अगर साधारण आदमी को दिया जाएं तो वह मर जाएगा।
यहां भी कैसा फल मिलेगा यह स्थान संग और समय के ऊपर निर्भर है।
पानी गुलाब के संग से सुगंधित हो जाता है।
वही पानी में कचरा पड गया तो बदबू निकलता है।
हवा की भी यही बात है।
बगीचे के संग से सुगंधित हो जाती है, सडी हुई लाश के संग से दुर्गंधित हो जाती है।
कपडे का देखिए।
साधारण कपडा अगर किसी मूर्ति पर चढाने के बाद उसे हम प्रसाद के रू में स्वीकार करते हैं।
कपडा किसी मृतक पर चढाया हुआ है तो?

सम प्रकास तम पाख दुहुँ नाम भेद बिधि कीन्ह।
ससि सोषक पोषक समुझि जग जस अपजस दीन्ह।।7(ख)।।
चन्द्रमा को देखिए।
दो पक्ष हैं - कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष।
दोनों में चन्द्रमा प्रकाश देता है।
पर शुक्ल पक्ष में अगर चन्द्रमा पोषक है तो कृष्ण पक्ष में शोषक है।
शुक्ल पक्ष में कोई कार्य किया जाएं तो उसकी वृद्धि होती है, कृष्ण पक्ष कार्य को घटानेवाला है।
चन्द्रमा के इस स्वभाव को देखकर ही काल और फल के अनुसार उसे यश और अपयश देते हैं।
तुलसीदास जी कहते हैं स्थान, संग और समय आदमी को भला या बुरा कर सकते हैं।

Knowledge Bank

सनातन धर्म में महिलाएं -

महिलाओं का सम्मान करें और उनकी स्वतंत्रता को सीमित करने वाली प्रथाओं को हटाएं। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो समाज का पतन होगा। शास्त्र कहते हैं कि महिलाएं शक्ति की सांसारिक प्रतिनिधि हैं। श्रेष्ठ पुरुष उत्तम महिलाओं से आते हैं। महिलाओं के लिए न्याय सभी न्याय का मार्ग प्रशस्त करता है। कहा गया है, 'महिलाएं देवता हैं, महिलाएं ही जीवन हैं।' महिलाओं का सम्मान और उत्थान करके, हम समाज की समृद्धि और न्याय सुनिश्चित करते हैं।

शिव जी पर फूल चढाने का फल​

शास्त्रों ने शिव जी पर कुछ फूलों के चढ़ाने से मिलनेवाले फल का तारतम्य बतलाया है, जैसे दस सुवर्ण-मापके बराबर सुवर्ण-दानका फल एक आक के फूल को चढ़ाने से मिल जाता है। हजार आकके फूलों की अपेक्षा एक कनेर का फूल, हजार कनेर के फूलों के चढ़ाने की अपेक्षा एक बिल्वपत्र से फल मिल जाता है और हजार बिल्वपत्रों की अपेक्षा एक गूमाफूल (द्रोण-पुष्प) होता है। इस तरह हजार गूमा से बढ़कर एक चिचिडा, हजार चिचिडों- (अपामार्गों ) से बढ़कर एक कुश फूल, हजार कुश- पुष्पों से बढ़कर एक शमी का पत्ता, हजार शमी के पत्तों से बढ़कर एक नीलकमल, हजार नीलकमलों से बढ़कर एक धतूरा, हजार धतूरों से बढ़कर एक शमी का फूल होता है। अन्त में बतलाया है कि समस्त फूलोंकी जातियोंमें सब से बढ़कर नीलकमल होता है ।

Quiz

सेतु बंधन के समय श्रीरामजी ने किस शिवलिंग की पूजा की थी ?
हिन्दी

हिन्दी

जय श्रीराम

Click on any topic to open

Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |
Vedahdara - Personalize
Whatsapp Group Icon
Have questions on Sanatana Dharma? Ask here...