Special - Saraswati Homa during Navaratri - 10, October

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वेद व्यास जी का असली नाम क्या था?

Veda Vyasa

 

यह बहुत दिलचस्प है।

आज के दिन उनका असली नाम कृष्ण द्वैपायन है।

इस नाम के दो भाग हैं।

कृष्ण + द्वैपायन।

कृष्ण - काले रंग के।

द्वैपायन - द्वीप पर पैदा हुआ।

 

 

 

क्या आप जानते हैं कि वर्तमान वेद व्यास का जन्म कैसे हुआ था?

व्यास की माता थी सत्यवती ।

वह पराशर ऋषि को यमुना नदी के पार ले जा रही थी नाव से ।

उनका मिलन नदी के एक द्वीप पर हुआ था।

सत्यवती ने तुरंत गर्भावस्था पूरी की और उस द्वीप पर ही व्यास जी को जन्म दिया ।

 

क्या व्यास बदलते रहते हैं?

हाँ।

व्यास एक पद है।

वर्तमान चतुर्युग में, जो वर्तमान मन्वंतर (वैवस्वत) में अट्ठाईसवां है, कृष्ण द्वैपायन व्यास जी के पद पर प्रतिष्ठित हैं ।

 

कृष्ण द्वैपायन से पहले के व्यास कौन कौन थे?

यह पूरी सूची है।

प्रथम - स्वायंभुव

दूसरा - प्रजापति

तीसरा - उशना

चौथा - बृहस्पति

पांचवां - सविता

छठा - मृत्यु

सातवां - इंद्र

आठवां - वशिष्ठ

नौवां - सारस्वत

दसवां - त्रिधा

ग्यारहवां - त्रिवृष

बारहवां - भरद्वाज

तेरहवां - अन्तरिक्ष

चौदहवां - वप्री

पन्द्रहवां - त्रय्यारुण

सोलहवां - धनंजय

सत्रहवां - क्रतुंजय

अठारहवां - ऋणज्य

उन्नीसवां - भरद्वाज

बीसवां - गौतम

इक्कीसवां - हर्यात्मा

बाईसवां - वाजश्रवा

तेईसवां - तृणबिन्दु

चौबीसवां - वाल्मीकि

पच्चीसवां - शक्ति

छब्बीसवां - पराशर

सत्ताईसवां - जातुकर्ण

अट्ठाईसवां - कृष्ण द्वैपायन

आगामी उनतीसवें चतुर्युग के व्यास द्रोण के पुत्र अश्वत्थामा होंगे।

पुराण और महाभारत लिखना और वेदों का विभाग करना - ये व्यास जी की जिम्मेदारियां हैं ।




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वेदधारा की धर्मार्थ गतिविधियों का हिस्सा बनकर खुश हूं 😇😇😇 -प्रगति जैन

वेदधारा का कार्य अत्यंत प्रशंसनीय है 🙏 -आकृति जैन

आपकी वेबसाइट से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।🙏 -आर्या सिंह

वेदधारा के प्रयासों के लिए दिल से धन्यवाद 💖 -Siddharth Bodke

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वसुदेव और देवकी पूर्व जन्म में क्या थे?

सबसे पहले वसुदेव, प्रजापति सुतपा थे और देवकी उनकी पत्नी पृश्नि। उस समय भगवान ने पृश्निगर्भ के रूप में उनका पुत्र बनकर जन्म लिया। उसके बाद उस दंपति का पुनर्जन्म हुआ कश्यप - अदिति के रूप में। भगवान बने उनका पुत्र वामन। तीसरा पुनर्जन्म था वसुदेव - देवकी के रूप में।

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