Sitarama Homa on Vivaha Panchami - 6, December

Vivaha panchami is the day Lord Rama and Sita devi got married. Pray for happy married life by participating in this Homa.

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मोक्षदा एकादशी व्रत कथा

मोक्षदा एकादशी व्रत कथा

मोक्षदा एकादशी अगहन मास (मार्गशीर्ष) के शुक्ल पक्ष में पड़ती है । इसके बारे में यह कथा प्रसिद्ध है कि गोकुल में वैखानस नाम के एक राजा रहते थे। वह अपनी प्रजा को पुत्र समान पालते थे । एक दिन राजा ने स्वप्न में देखा कि उनके पिता नरक में पड़े हैं और उनसे कह रहे हैं कि मेरा उद्धार करो। इसे देखकर उन्हें बड़ा दुख हुश्रा, श्रौर उन्होंने प्रातः काल उठकर अपने दरबार के पण्डितों को अपने स्वप्न के बारे में बताया । पण्डितों ने राय दी कि थोड़ी ही दूर पर पर्वत ऋषि का श्राश्रम है, वहाँ जाकर उनसे सब वृत्तान्त कहना चाहिए।

राजा पर्वत ऋषि के श्राश्रम को पधारे और ऋषि के समक्ष जाकर दण्डवत् किया । ऋषि ने राजा से उनके आने का कारण पूछा। राजा ने अपने स्वप्न की कथा सुनाई। इस पर थोड़ी देर तक ऋषि ने आंख बन्द करके ध्यान किया और राजा के पितरों की श्रधोगति के कारण को जान गए । आंखें खोल कर ऋषि ने कहा कि तुम्हारे पिता की अधोगति को प्राप्त होने का कारण मैं जान गया हूं । वह यह है कि तुम्हारे पिता के पूर्वजन्म में दो स्त्रियाँ थीं। वह उनमें से एक का मान तो वहुत रखता था, किन्तु 

दूसरी का ज़रा भी नहीं। उससे केवल विवाह कर लिया था, किन्तु उसके साथ पति का व्यवहार नहीं करता था।

उस काम पीड़िता स्त्री के शाप से तुम्हारा पिता नरक-गामी हो गया है । राजा ने इस पर ऋषि से इस पाप के निवारण का उपाय पूछा। उन्होंने कहा कि अगहन महीने के शुक्ल पक्ष में मोक्षदा नाम की एकादशी होती है । उस एकादशी में विधिपूर्वक व्रत करो, तब तुम्हारे पिता का पाप नष्ट हो सकता है। राजा ने अपने नगर मैं आकर मोक्षदा एकादशी का व्रत किया, जिसके प्रभाव से उसके पिता नरक से स्वर्ग चले गए ।

 

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